लेफ्ट नेता डी राजा ने कहा है कि 1989 में वीपी सिंह एक वैकल्पिक सरकार बनाने में कामयाब रहे थे लेकिन 2019 में कोई वीपी सिंह भारतीय राजनीति में नहीं है. तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की क्षेत्रीय दलों के नेताओं से मुलाकात और एक नए फेडरल फ्रंट बनाने की कोशिशों के संदर्भ में राजा ने ये बात कही है.
एक नया राजनीतिक मोर्चा खड़ा करने की जद्दोज़हद में जुटे तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव सोमवार को डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन से मिले. इस मुलाकात में मौजूद टीआरएस सांसद बी विनोद कुमार ने एनडीटीवी से कहा "चुनावों के बाद एक नया राजनीतिक मोर्चा (political confederation) सामने आएगा. इस नए मोर्चे का नेतृत्व कौन करेगा ये नतीजों के बाद तय होगा."
लेकिन एमके स्टालिन ने मंगलवार को ऐसी किसी भी संभावना को नकार दिया. स्टालिन ने कहा कि मौजूदा परिस्थिति में किसी तीसरे मोर्चे की संभावना नहीं है.
के चंद्रशेखर राव की मुश्किल ये है कि लेफ्ट भी उनके साथ खड़ा नहीं दिख रहा है. सीपीआई नेता डी राजा ने एनडीटीवी से कहा ,1989 की तरह 2019 में कोई वीपी सिंह भारतीय राजनीति में नहीं है. अभी हमारे सामने मोदी और अमित शाह हैं, जिन्हें हराना है. फेडरल फ्रंट होगा कि नहीं होगा इस पर अभी कुछ नहीं कह सकते हैं.
शरद पवार की एनसीपी भी चंद्रशेखर राव के समर्थन में नहीं है. डीपी त्रिपाठी, एनसीपी नेता ने कहा मुझे लगता है कि रीजनल पार्टियों का कोई अलग से मोर्चा नहीं बनेगा. चुनाव के बाद विपक्ष और मजबूत और एकजुट होगा KCR को विपक्षी पार्टियों के साथ आना चाहिए.
जबकि कांग्रेस ने राव की इस कोशिश को काल्पनिक करार दिया. रणदीप सुरजेवाला, प्रवक्ता, कांग्रेस ने कहा गालिब दिल बहलाने के लिए ख्याल अच्छा है.
भारतीय राजनीति में तीसरे या चौथे मोर्चे की चर्चा इस बात का सबूत ज़रूर है कि कुछ क्षेत्रीय दल बीजेपी और कांग्रेस का विकल्प ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं...लेकिन सवाल है कि क्या 2019 में बिना बीजेपी या कांग्रेस के देश में वैकल्पिक सरकार का गठन संभव है.
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