भोपाल से लोकसभा चुनाव में अपनी उम्मीदवार प्रज्ञा सिंह ठाकुर की जीत के लिए बीजेपी भोपाल के हर विधानसभा क्षेत्र के विधायक और उम्मीदवारों से काम की अपील कर रही है, लेकिन विगत विधानसभा चुनावों में पार्टी की इकलौती मुस्लिम महिला उम्मीदवार रहीं फातिमा सिद्दीकी ने प्रज्ञा के लिए प्रचार करने से इनकार कर दिया है. फातिमा ने भोपाल उत्तर विधानसभा सीट पर विधानसभा चुनाव लड़ा था.
मध्यप्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में सिर्फ भोपाल उत्तर में बीजेपी ने मुस्लिम उम्मीदवार पर भरोसा जताया था. पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने फातिमा रसूल सिद्दीकी को बेटी बताया था लेकिन भोपाल से प्रज्ञा सिंह ठाकुर को टिकट मिलने से इस रिश्ते में खटास आ गई है. एनडीटीवी से बातचीत में फातिमा ने कहा 'मैं शिवराज जी को देखकर पार्टी में शामिल हुई थी. मैंने हमेशा गंगा-जमुनी तहजीब की बात की थी और किसी भी धर्म को ठेस पहुंचाने में विश्वास नहीं रखती, तो उनके साथ रह नहीं पाऊंगी, खासकर जब मुस्लिम समुदाय हो, मैं नहीं रह पाऊंगी उनके साथ.'
फातिमा की नाराजगी दूर करने के लिए बीजेपी अपील कर रही है, तो कांग्रेस को उस पर वार करने का मौका मिल गया है. पूर्व सहकारिता मंत्री और बीजेपी विधायक विश्वास सारंग ने कहा प्रज्ञा ठाकुर केवल बीजेपी उम्मीदवार नहीं हैं, बल्कि तथाकथित लोग जो इस देश को तोड़ना चाहते हैं, इस देश को टुकड़े करना चाहते हैं, अराजकता फैलाना चाहते हैं और हिन्दुत्व जैसे पावन शब्द से आतंकवाद को टैग किया है, उनके खिलाफ लड़ाई की प्रतीक हैं. हम सब मिलकर उन्हें जिताएंगे और सबको जुटना चाहिए साध्वी प्रज्ञा को जिताने में.
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वहीं कांग्रेस प्रवक्ता रवि सक्सेना ने कहा जो यहां पर शांति, सौहार्द भाईचारे की फिजा है उसको जिस तरह से खराब करने का काम प्रज्ञा जी के आने के बाद किया जा रहा है, निश्चित रूप से ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. इससे हर समाज के लोग आहत हैं. मैं समझता हूं जो उन्होंने निर्णय लिया है, वो बहुत अच्छा है.
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बीजेपी हर विधानसभा क्षेत्र में प्रज्ञा के प्रचार के लिए स्थानीय नेताओं से मदद मांग रही है. विधानसभा चुनावों में फातिमा ने कांग्रेस के कद्दावर नेता, पांच दफे विधायक रहे आरिफ अकील को कड़ी टक्कर दी थी. उन्हें 36 फीसदी वोट मिले थे. फातिमा कांग्रेस के पूर्व विधायक और मंत्री रसूल अहमद सिद्दीकी की बेटी हैं जो विधानसभा चुनावों से पहले बीजेपी में शामिल हुई थीं. बीजेपी ने उन्हें फौरन भोपाल उत्तर से टिकट दे दिया था.
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रसूल अहमद सिद्दीकी 90 के दशक में भोपाल उत्तर सीट से दो बार कांग्रेस से विधायक रहे. सन 1992 के विधानसभा चुनाव में जनता दल के उम्मीदवार के तौर पर आरिफ अकील ने ही कांग्रेस के रसूल अहमद सिद्दीकी को मात देकर इस सीट पर कब्जा जमाया था.
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