लोकसभा चुनाव 2019 के मैदान में जहां प्रियंका गांधी वाड्रा के उतरने से उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को थोड़ी ऊर्जा मिली है, वहीं राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में सरकार बनाने के बाद कांग्रेस के लिए थोड़ी राहत और थोड़ी चिंता की बात दोनों हो सकती है. राजस्थान में जहां गुर्जर आरक्षण आंदोलन से राज्य सरकार जूझ रही है वहीं किसानों के कर्ज माफी के मुद्दे पर मध्य प्रदेश में भी सरकार को कई जगहों पर नाराजगी झेलनी पड़ रही है. हालांकि बीते दो महीने में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के सामने कोई बड़ा मुद्दा खड़ा नहीं हुआ है. सीएम भूपेश बघेल ने किसानों के कर्जमाफी के ऐलान कर दिया है और इसके अलावा आदिवासियों की अधिग्रहीत जमीनें भी लौटाने काम शुरू किया गया है. आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने इस बार बीजेपी की 15 सालों की सत्ता को उखाड़ा फेंकने में कामयाबी पाई है. उसने इस बार 90 में से 68 सीटें जीती हैं जबकि बीजेपी को 15 और अन्य को 7 सीटें मिली हैं.
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बात करें पिछले विधानसभा चुनाव की तो साल 2013 में बीजेपी ने 49 और कांग्रेस को 39 सीटें मिली थीं, दो सीटें अन्य को मिली थीं. वोट प्रतिशत के हिसाब से देखें तो बीजेपी को 41 फीसदी और कांग्रेस को 40.3 फीसदी वोट मिले थे. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 10 और कांग्रेस को 1 सीट मिली थी. इस चुनाव में बीजेपी को 49.7 फीसदी और कांग्रेस को 39.1 फीसदी के आसपास वोट मिले थे.
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अगर दिसंबर महीने में आए विधानसभा चुनाव में वोट प्रतिशत को देखें तो कांग्रेस को 43 प्रतिशत (68 सीट), बीजेपी को 33 फीसदी (15 सीट) मिले थे. अगर इस नतीजे को लोकसभा चुनाव के हिसाब से देखें तो कांग्रेस को लोकसभा की 11 सीटों में से कांग्रेस को 10 और बीजेपी को 1 सीट मिलती दिखाई दे रहा है. आपको बता दें कि यह आकलन विधानसभा चुनाव में मिले वोट शेयरों के हिसाब से है.
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