किसी जमाने में हर अच्छे-बुरे दौर और सुख-दुख में आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बेहद करीबी रहे और उनके 'हनुमान' कहलाने वाले रामकृपाल यादव को अब बागी नेता कहलाते हैं. लोकसभा चुनाव 2014 में बगावत कर बीजेपी में शामिल होना किसी वरदान से कम नहीं रहा और नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद यह वरदान फलीभूत हो गया. रामकृपाल यादव ने बिहार की पाटलिपुत्र सीट से लालू की बेटी मीसा भारती को हराया था. इससे पूर्व केंद्र की तो बात ही छोड़ दीजिए, वह कभी राज्य में भी मंत्री नहीं बने थे, लेकिन एक बार फिर बीजेपी ने बिहार में पाटलिपुत्र सीट से उम्मीदवार बनाया है और आरजेडी से मीसा भारती ही यहां चुनाव लड़ रही हैं.
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रामकृपाल यादव युवा अवस्था से ही छात्र आंदोलनों में सक्रिय रहे. रामकृपाल यादव ने वर्ष 1977 में अपनी राजनीतिक जीवन की शुरुआत की. सोलहवीं लोकसभा में भाजपा प्रत्याशी के रूप में पाटलिपुत्र लोकसभा से सांसद बने. रामकृपाल यादव का जन्म 12 अक्तूबर 1957 में पटना जिला के साबर-चक (पाटलिपुत्र लोकसभा से संबंध) नामक एक छोटे से गांव में हुआ. रामकृपाल यादव को बचपन में ही अपनी जिम्मेदारियों का अहसास हो गया. उनका विवाह किरण देवी के साथ हुआ. रामकृपाल यादव के दो बेटे अभिषेक और अभिमन्यु, एक बेटी आरती हैं.
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रामकृपाल यादव के जीवन की प्रमुख उपलब्धियां रामकृपाल यादव ने वर्ष 1977 में छात्र राजनीति की शुरुआत की. 1977 छात्र संघ के अध्यक्ष एवं विश्वविद्यालय के सिनेटर चुने गए. वार्ड संख्या-10 पटना से पार्षद और पटना के उप-महापौर बने. रामकृपाल पहली बार 1992 में बिहार विधान परिषद के सदस्य बने. 1993 में पहली बार लोकसभा के सदस्य बने. साल 2010 में राज्य सभा के लिए सदस्य बने. 2014 में भाजपा प्रत्याशी के रुप में लोकसभा के सदस्य चुने गये और भारत सरकार में पेय जल एवं स्वच्छता राज्य मंत्री बने.
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