हाल ही कांग्रेस में शामिल हुए पटेल अनामत आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल (Hardik Patel) इस बार लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2019) नहीं लड़ पाएंगे. गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat High Court) ने 2015 में मेहसाणा में दंगा फैलाने के केस में हार्दिक पटेल को हुई सजा निरस्त करने की याचिका खारिज कर दी है. जनप्रतिनिधि कानून - 1951 (Representation of People's Act) के अनुसार दोषी साबित होने की वजह से हार्दिक पटेल इस बार लोकसभा चुनाव नहीं लड़ सकेंगे.
इससे पहले बुधवार को गुजरात सरकार ने हार्दिक पटेल की दोषसिद्धि पर स्थगन आदेश देने की मांग करने वाली याचिका का विरोध किया. पटेल ने हाईकोर्ट में यह याचिका इसलिए दायर की थी क्योंकि वह लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं. सरकारी वकील मितेश अमीन ने अदालत से कहा था कि पटेल करीब 17 मुकदमों का सामना कर रहे हैं, जिससे पता चलता है कि उनका चरित्र ठीक नहीं है. पटेल के वकील ने कहा था कि अगर स्थगन आदेश नहीं दिया गया तो उससे उनके मुवक्किल को ‘अपूरणीय क्षति' होगी क्योंकि वह चुनाव लड़ना चाहते हैं. जुलाई 2018 में सत्र अदालत ने उन्हें दो साल जेल की सजा सुनाई थी. वे फिलहाल जमानत पर चल रहे हैं.
राहुल गांधी की मौजूदगी में 12 मार्च को हार्दिक पटेल ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया था. कांग्रेस में शामिल होने के बाद हार्दिक पटेल के जामनगर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की अटकलें लगाई जा रही थीं. हालांकि कांग्रेस की तरफ से आधिकारिक रूप से कुछ भी साफ नहीं किया गया था कि वह किस सीट से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं.
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