अरुणाचल प्रदेश के दूरस्थ गांव के वोटरों ने पहली बार मतदान किया. प्रदेश के कुरुंग कुमे नाम के एक दूरदराज के गांव में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के सहयोग से पहली बार वोटिंग करवाई गई. अरुणाचल प्रदेश के सुदूर जिले के ज्ञापिन पोलिंग बूथ पर गांव वालों ने पहली बार अपने गांव में स्थापित मतदान केंद्र पर वोट किया है.
अरुणाचल प्रदेश में 11 अप्रैल को पहले चरण के मतदान के दौरान उक्त गांव में पहली बार मतदान केंद्र स्थापित किया गया. इसके लिए चुनाव दल आईटीबीपी के जवानों के साथ 45 किलोमीटर का पैदल रास्ता तय करके इस केंद्र तक पहुंचा था. इस गांव से 45 किलोमीटर दूर पारसी पालो नामक जगह से ही सड़क उपलब्ध है. उसके बाद आगे का रास्ता बहुत ही मुश्किल है जिसमें पहाड़ी नदियां, वर्षा वन और घनी झाड़ियां हैं. रास्ते पर कई झूला पुल, लकड़ी की सीढ़ियां आदि हैं.
गांव पहुंचने के लिए 25 किलोमीटर का रास्ता चढ़ाई वाला और 10 किलोमीटर का रास्ता उतार वाला है. इस रास्ते पर पैदल चलना भी बहुत ही मुश्किल है. इन सबके बावजूद पोलिंग पार्टी और आईटीबीपी के जवानों ने साथ मिलकर यह रास्ता तय किया और 11 मई को पहले चरण की वोटिंग के दौरान यहां 346 ग्रामीणों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया.
इस गांव के अधिकतर परिवार इटानगर में रहते हैं और गांव में इन लोगों का आना-जाना लगा रहता है. स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार यहां मतदान केंद्र स्थापित किया गया था. कुल 90 किलोमीटर का आने जाने का रास्ता 6 दिन में पूरा किया गया.
आईटीबीपी भारत-चीन सीमा पर अरुणाचल प्रदेश में सीमा सुरक्षा और प्रबंधन के लिए वर्ष 2004 से तैनात है.
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