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सवाल: इस बार आपके लिए क्या इश्यूज हैं?
जवाब: वही जो हमेशा रहते हैं डेवेलपमेंट … बस!
सवाल: जी तो इससे पहले वरुण गांधी जहां से सांसद रहे, आप यहां पर आई हैं, किस तरह से आप काम को आगे बढ़ाएंगे?
जवाब: देखिए डेवेलपमेंट एक ऑनगोइंग चीज होती है, जैसे नदी बहते हैं. अगर 10 सड़कें बनी हैं तो 10 और की जरूरत है, अगर एक कोई चीज बनी है तो एक और चीज की जरूरत है. तो डेवेलपमेंट कहीं रुकती नहीं है, जैसे जितने इंसान उतनी ख्वाहिश है. तो उसको आगे ले जाने के लिए मैं यहां आई हूं.
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सवाल: आप पहले पीलीभीत से लड़ती रही हैं. इस बार सुल्तानपुर आने की वजह?
जवाब: पार्टी ने फैसला किया है … बस!
सवाल: अच्छा, आपका एक वीडियो भी आया था, जिसको लेकर काफी कंट्रोवर्सी हुई, उसको लेकर आपको क्या कहना है? कैसे आपको लगता है कि आपके बयान को गलत तरह से पेश किया गया? जिसमें आप कह रही थीं कि जो (मुझे) वोट नहीं देगा उसका हम काम नहीं करेंगे?
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जवाब: (हंसते हुए) देखिए ऐसा मैंने बिल्कुल नहीं कहा था. मैंने कहा था कि मैं जहां भी गई हूं जिंदगी में मैंने हर जाति, हर कौम को एक समझा. अब पीलीभीत में मेरे 5 चेयरमैन हैं. मेरे साथ रहने वाले, मेरे निजी सलाहकार हर जाति-अखलियतों के हैं. और जब मैंने पहली बार चुनाव लड़ा था तब मैंने टिकट खुद के लड़ने की बजाय, पीलीभीत में हमने नवाब साहेब शेरपुर को दिया था. मेरे मन में तो कुछ भी नहीं था, लेकिन जब मैं काम करती हूं सबके लिए करती हूं. और मुझे और फिर अंत मैं जाकर वोटिंग के दिन जब लोग कहते हैं कि हम आप को वोट नहीं देंगे, क्योंकि हमें कमल के फूल को नहीं देना है, मुझे बहुत बहुत दुख होता है. क्योंकि जब 5 साल बीतते हैं उसमें तो हम समझते ही नहीं हैं कि यह अलग है, हम अलग हैं, वो अलग हैं. तो मैंने कहा कि जब इस तरीके से बात होती है तो हम भी सोचते हैं कि काम, काम करते वक़्त तो सब के लिए हो, तब तो किसी ने नहीं सोचा कमल के फूल के बारे में. यह मेरा कहना था.
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सवाल: तो आपको लगता है कि उसे आउट ऑफ कॉन्टेक्सट जोड़ा गया?
जवाब: टोटली आउट ऑफ कॉन्टेक्स्ट था, मैं ऐसी बोलती ही नहीं, आपने मेरे भाषण सुने हैं, ये बहुत ही सौम्य है और हमेशा ऐसा ही था. यहां पर भी और पीलीभीत में भी.