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This Article is From Mar 11, 2019

रमजान के महीने में वोटिंग के विरोध पर चुनाव आयोग ने कहा- 'त्योहार का रखा गया ध्यान, शुक्रवार को नहीं मतदान'

रमजान (Ramadan) के महीने में मतदान (Lok Sabha Election 2019) होने के फैसले के विरोध के बीच चुनाव आयोग (Election Commission) ने इस पर प्रतिक्रिया दी है.

रमजान के महीने में वोटिंग के विरोध पर चुनाव आयोग ने कहा- 'त्योहार का रखा गया ध्यान, शुक्रवार को नहीं मतदान'
प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:

रमजान (Ramadan) के महीने में मतदान (Lok Sabha Election 2019) होने के फैसले के विरोध के बीच चुनाव आयोग (Election Commission) ने इस पर प्रतिक्रिया दी है. चुनाव आयोग ने कहा कि किसी भी शुक्रवार या त्योहार के दिन मतदान नहीं हैं. चुनाव आयोग ने रमज़ान के महीने में चुनाव कराने के फ़ैसले पर उठ रहे सवालों को नकारते हुए कहा कि चुनाव कार्यक्रम में मुख्य त्योहार और शुक्रवार का ध्यान रखा गया है. मामले में आयोग की ओर से कहा गया कि रमज़ान के दौरान पूरे महीने के लिए चुनाव प्रक्रिया को रोका नहीं जा सकता. आयोग ने स्पष्ट किया कि इस दौरान ईद के मुख्य त्योहार और शुक्रवार का ध्यान रखा गया है. बता दें कि 'आप' और तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने रमज़ान के दौरान चुनाव कराने को लेकर आयोग की मंशा पर सवाल उठाते हुए जानबूझ कर ऐसा चुनाव कार्यक्रम बनाने का आरोप लगाया था.  

चुनाव की तारीख बदलने की मांग
उधर, लोकसभा चुनाव के बीच में रमजान पड़ने पर लखनऊ के मौलानाओं ने भी ऐतराज जताते हुए आयोग से तिथियों में फेरबदल करने की मांग की है. ईदगाह इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने नाराजगी जताई है. उन्होंने चुनाव आयोग से मुसलमानों की भावना का खयाल रखने और चुनाव तिथि रमजान माह से पहले या बाद में करने की मांग की है. फरंगी महली ने कहा, "पांच मई से रमजान शुरू हो जाएगा. चांद देखने के बाद पहला रोज छह मई को पड़ेगा. ऐसे में गर्मी के कारण मुस्लिमों को दिक्कत हो सकती है. इन बातों का ध्यान रखते हुए आयोग तिथियों में बदलाव कर दें तो बेहतर होगा".

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शहर काजी और मुफ्ती अबुल इरफान ने कहा, "पांच मई को मुसलमानों के सबसे पवित्र महीना रमजान का चांद देखा जाएगा. चांद दिख जाता है तो छह मई को पहला रोजा होगा. रमजान के दौरान भयंकर गर्मी होगी। ऐसे में रोजेदारों को वोट डालने के लिए घरों से निकलने में दिक्कत होगी. इससे वोट प्रतिशत भी घटेगा। हम हमेशा लोगों से वोट ज्यादा से ज्यादा डालने की अपील भी करते हैं, लेकिन इस दौरान यह मुनासिब नहीं हो पाएगा. चुनाव आयोग इस बात का ख्याल रखते हुए तिथियों को बदल दे। यह हमारी उनसे मांग है".उन्होंने कहा कि छह मई, 12 मई व 19 मई को मतदान की घोषणा की गई है जिस दौरान रमजान चल रहे होंगे. इस दौरान तापमान काफी अधिक होता है. इन तारीखों को बदल कर कुछ और चुन लें जिससे मुस्लिमों को सहूलियत हो जाएगी.

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शिया धर्मगुरु कल्बे जव्वाद ने कहा कि आयोग को रमजान की तारीख को ध्यान में रख कर घोषणा करनी चाहिए थी. वोट डालने के लिए लोगों को घंटों लाइन में खड़े रहना पड़ता है. ऐसे में रोजेदारों को गर्मी में मुश्किल होगी. ऐसे में मुस्लिमों की तादात भी वोट डालने से वंचित रह जाएगी. लोकतंत्र के इस पर्व का उत्साह भी फीका हो जाएगा. इसलिए हमारी गुजारिश है कि चुनाव आयोग इन तारीखों को बदल दें. गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने रविवार को लोकसभा चुनाव 2019 की तारीखें घोषित कर दी हैं. चुनाव सात चरणों में होगा। मतदान का पहला चरण 11 अप्रैल को व आखिरी चरण 19 मई को होगा. मतगणना 23 मई को होगी.

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(इनपुट: भाषा)

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