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This Article is From Apr 13, 2019

मुस्लिमों पर विवादित बयान देकर फंसीं मेनका गांधी, कारण बताओ नोटिस जारी, 3 दिन में देना होगा जवाब

केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने मुस्लिम मतदाताओं से कहा है कि वे आगामी लोकसभा चुनाव में उनके पक्ष में मतदान करें क्योंकि मुसलमानों को चुनाव के बाद उनकी जरूरत पड़ेगी.

मेनका गांधी के बयान पर एक्शन में आया चुनाव आयोग

नई दिल्ली:

केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने मुस्लिम मतदाताओं से कहा है कि वे आगामी लोकसभा चुनाव में उनके पक्ष में मतदान करें क्योंकि मुसलमानों को चुनाव के बाद उनकी जरूरत पड़ेगी. मेनका ने मुस्लिम बहुल क्षेत्र तूराबखानी में गुरूवार को आयोजित एक चुनावी सभा में कहा कि मैं लोगों के प्यार और सहयोग से जीत रही हूं लेकिन अगर मेरी यह जीत मुसलमानों के बिना होगी तो मुझे बहुत अच्छा नहीं लगेगा. बीजेपी नेता ने कहा कि इतना मैं बता देती हूं कि फिर दिल खट्टा हो जाता है. फिर जब मुसलमान आता है काम के लिये, फिर मै सोचती हूं कि नहीं रहने ही दो क्या फर्क पड़ता है. आखिर नौकरी भी तो एक सौदेबाजी ही होती है, बात सही है या नहीं?'' 

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उन्होंने कहा कि ''अगर आप पीलीभीत में पूछिये, पीलीभीत के एक भी बंदे को फोन कर पूछो कि मेनका गांधी कैसे थी वहां. अगर आपको लगे कि कहीं भी हमसे कोई गुस्ताखी हुई तो हमको वोट मत देना. अगर आपको लगे कि हम खुले हाथ और दिल के साथ आये हैं कि आपको कल मेरी जरूरत पड़ेगीय यह इलेक्शन तो मैं पार कर चुकी हूं अब आपको मेरी जरूरत पड़ेगी.  भाजपा नेता मेनका ने यह भी कहा कि हम महात्मा गांधी की संतान नहीं हैं कि हम बस चीजें देते रहें और बदले में हमें कुछ नहीं मिले. मेनका गांधी इस बार सुल्तानपुर से चुनाव लड़ रही हैं जबकि उनके पुत्र वरूण गांधी उनकी सीट पीलीभीत से चुनाव लड़ रहे हैं. 

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इस बीच, जिले के चुनाव अधिकारियों ने मेनका को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. दिल्ली में चुनाव आयोग भी मेनका के भाषण का परीक्षण कर रहा है. उत्तर प्रदेश चुनाव कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि जिला चुनाव अधिकारियों की ओर थमाए गए नोटिस पर मेनका को तीन दिनों के भीतर जवाब देना होगा. इस बीच, दिल्ली में कांग्रेस ने मुस्लिम मतदाताओं के संदर्भ में केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी के एक बयान को लेकर शुक्रवार को चुनाव आयोग से आग्रह किया कि चुनावी ‘कदाचार' के लिए उनका नामांकन खारिज किया जाएय पार्टी ने यह भी कहा कि ‘धार्मिक भावनाएं' भड़काने के लिए मेनका के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज होनी चाहिए. 

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कई मुद्दों पर शिकायत करने के लिए कांग्रेस के एक शिष्टमंडल ने चुनाव आयोग को अपना प्रतिवेदन सौंपा. इस दौरान पार्टी शिष्टमंडल द्वारा मेनका गांधी के बयान का भी मुद्दा उठाया गया। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा कि सच्चाई ये है कि मोदी जी और उनके मंत्री बौखला गए हैं. चुनाव की दौड़ को वो पूरी करने में अपने आपको असक्षम पा रहे हैं. इसलिए कभी जाति का नाम लेकर, कभी धर्म का नाम लेकर, कभी उत्तर और दक्षिण भारत का नाम लेकर, कभी रंग भेद करके, कभी भाषा का नाम लेकर, कभी कपड़ों को लेकर, कभी भोजन का नाम लेकर इस देश की गंगा-जमुनी तहजीब को मिटाना चाहते हैं. 

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उन्होंने दावा किया कि मोदी जी, मेनका जी आप अपने इस प्रपंच और ढोंग में कभी कामयाब नहीं होंगे, क्योंकि ये भारतवर्ष है और इस भारतवर्ष की संस्कृति को कोई मिटा नहीं सकता. हमने चुनाव आयोग को कहा है कि जो जाति और धर्म के आधार पर नफरत और बंटवारा फैलाए, ऐसी मंत्री को एक दिन भी उम्मीदवार बने रहने का अधिकार नहीं है. उनका नामांकन रद्द करना चाहिए और धार्मिक भावनाएं भड़काने के लिए उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होनी चाहिए.
 

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