आर्थिक तंगी से जूझ रही कांग्रेस को प्रियंका गांधी के सक्रिय राजनीति में आने से संजीवनी मिल सकती है. विदेश नीति से जुड़ी अमेरिका की एक प्रभावशाली पत्रिका ने कहा है कि प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) के कांग्रेस महासचिव बनने से पार्टी को भाजपा की तुलना में धन एवं संसाधन के अंतर को कम करने में मदद मिलेगी. प्रतिष्ठित ‘फॉरेन पॉलिसी' पत्रिका के एक लेख के मुताबिक ‘कांग्रेस पार्टी की नई प्रचारक भले ही वास्तव में चुनाव नहीं लड़ें, लेकिन वह ऐसे देश में पार्टी के वित्तपोषण संबंधी अंतर को कम कर सकती हैं जहां चुनाव जीतने के लिए बहुत धन की आवश्यकता होती है'.आपको बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी बहन प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) को पिछले महीने पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिये पार्टी का प्रभारी महासचिव नियुक्त किया था. प्रियंका ने एक दिन पहले ही 'मिशन यूपी' की शुरुआत की थी.
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पत्रिका के मुताबिक प्रियंका (Priyanka Gandhi) के राजनीति में औपचारिक प्रवेश से पार्टी में जोश आया है, जिसकी उसे बहुत आवश्यकता थी. इससे पार्टी को धन जुटाने में भी मदद मिलेगी. आपको बता दें कि कांग्रेस की नवनियुक्त महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) सक्रिय राजनीति में आने के बाद से ही मीडिया की सुर्खियों में बनी हुई हैं. ट्विटर पर उनकी एंट्री ने सोशल मीडिया पर और भी ज्यादा खलबली मचा दी है. प्रियंका गांधी की ट्विटर पर एंट्री इसलिए भी मायने रखती है क्योंकि हाल ही में बसपा प्रमुख भी ट्विटर पर आई हैं और अपनी सक्रियता तेज कर चुकी हैं. अगर मायावती और प्रियंका गांधी के ट्विटर पर आने की घटना की तुलना की जाए तो आप पाएंगे कि प्रियंका गांधी की ट्विटर पर लोकप्रयिता मायावती की तुलना में काफी अधिक है. बता दें कि प्रियंका गांधी कांग्रेस की महासचिव बनाई गई हैं और उन्हें पूर्वी यूपी की कमान दी गई है. (इनपुट-भाषा से भी)
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