विज्ञापन
This Article is From Apr 15, 2019

चुनाव आयोग ने मायावती पर लगाया 48 घंटे का बैन, BSP प्रमुख ने साजिश और लोकतंत्र की हत्या बताया

बसपा प्रमुख मायावती (Mayawati) ने चुनाव आयोग द्वारा उन पर लगाए गए 48 घंटे के प्रतिबंध को दबाव में लिया गया फैसला बताया.

चुनाव आयोग ने मायावती पर लगाया 48 घंटे का बैन, BSP प्रमुख ने साजिश और लोकतंत्र की हत्या बताया
बसपा प्रमुख मायावती. (फाइल फोटो)
लखनऊ :

बसपा प्रमुख मायावती (Mayawati) ने चुनाव आयोग द्वारा उन पर लगाए गए 48 घंटे के प्रतिबंध को दबाव में लिया गया फैसला बताया. उन्होंने कहा कि यह एक साजिश और लोकतंत्र की हत्या है. मायावती पर किसी भी चुनावी गतिविधि में शामिल होने पर 48 घंटे के प्रतिबंध की मियाद मंगलवार सुबह 6 बजे शुरू होगी. उन्होंने सोमवार देर रात प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि चुनाव आयोग ने सहारनपुर के देवबंद में दिए गए बयान पर उनकी सफाई को नजरअंदाज करते हुए उन पर पाबंदी लगा दी और यह लोकतंत्र की हत्या है. उन्होंने कहा 'संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत किसी को अपनी बात रखने से वंचित नहीं किया जा सकता, लेकिन आयोग ने अभूतपूर्व आदेश देकर मुझे बगैर किसी सुनवाई के असंवैधानिक तरीके से क्रूरतापूर्वक वंचित कर दिया. यह दिन काला दिवस के रूप में याद किया जाएगा. यह फैसला किसी दबाव में लिया गया ही प्रतीत होता है.'

यह भी पढ़ें: योगी आदित्यनाथ 72 घंटे और मायावती 48 घंटे तक नहीं कर सकेंगे चुनाव प्रचार, चुनाव आयोग की बड़ी कार्रवाई

मालूम हो कि आयोग ने गत 7 अप्रैल को सहारनपुर के देवबंद में आयोजित चुनावी रैली में खासकर मुस्लिम समुदाय से वोट मांगकर आचार संहिता का उल्लंघन करने के आरोप में सोमवार को किसी भी चुनावी गतिविधि में शामिल होने पर 48 घंटे के लिए प्रतिबंध लगा दिया. बसपा प्रमुख ने कहा कि हमें अपने कार्यकर्ताओं पर भरोसा है कि वह आयोग के इस फैसले के पीछे की मंशा को जरूर समझें और निडर होकर बसपा तथा गठबंधन प्रत्याशियों को पूरा समर्थन देकर भाजपा तथा अन्य विरोधियों की जमानत जब्त कराएं.

यह भी पढ़ें: जया प्रदा के खिलाफ अमर्यादित बयान को लेकर आजम खान पर चला EC का 'डंडा', मेनका गांधी पर भी कार्रवाई

मायावती ने कहा कि आयोग को अच्छी तरह मालूम है कि लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण कर मतदान 18 अप्रैल को है और प्रचार का समय कल 16 अप्रैल को खत्म हो जाएगा. उन्होंने कहा कि आयोग के इस आदेश के कारण वह मंगलवार को आगरा में होने वाली महागठबंधन की संयुक्त रैली में बसपा और गठबंधन प्रत्याशी के पक्ष में अपील नहीं कर सकेंगी. अगर आयोग की मंशा गलत नहीं थी, तो वह उसे एक दिन बाद उसे लागू करता. उन्होंने कहा कि आयोग ने 11 अप्रैल को उन्हें जो नोटिस भेजा था उसमें भड़काऊ भाषण देने का आरोप नहीं लगाया गया था. नोटिस के जवाब में साफ कहा गया था कि उन्होंने धार्मिक भावनाओं को नहीं भड़काया था, बल्कि देवबंद की रैली में दो अलग-अलग लोगों से वोट बांटने की नहीं, बल्कि दो मुस्लिम उम्मीदवारों में से एक ही मुस्लिम उम्मीदवार को वोट देने की बात कही गई थी, ताकि प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशी को हराया जा सके.

यह भी पढ़ें: कांग्रेस ने कहा, योगी आदित्यनाथ की तरह पीएम मोदी और अमित शाह के प्रचार पर भी लगे रोक

मायावती ने कहा कि आयोग ने उन्हें अपने भाषण की कोई सीडी उपलब्ध नहीं कराई. साथ ही अनुरोध किया था कि पूरे भाषण को सुना जाए, जिससे यह साफ हो जाएगा कि मैंने किसी एक समाज से वोट नहीं मांगा है और इन सबकी अनदेखी करके आयोग ने मुझ पर 48 घंटे का प्रतिबंध लगा दिया गया. बसपा प्रमुख ने कहा कि जहां तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर 72 घंटे का प्रतिबंध लगाने के आयोग के आदेश की बात है तो उससे भाजपा को कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि वह पार्टी के अध्यक्ष नहीं हैं.

VIDEO: योगी आदित्‍यनाथ, मायावती पर चुनाव आयोग का बैन

उन्होंने कहा कि आयोग ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नफरत फैलाने और देश की सुरक्षा से खिलवाड़ करने की खुली छूट दे रखी है.

(इनपुट: भाषा)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com