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This Article is From May 14, 2019

Loksabha Elections : पाटलिपुत्र सीट पर मीसा भारती और रामकृपाल यादव का कड़ा मुकाबला

लोकसभा चुनाव 2019 : पहले लालू के शिष्य और सिपाहसालार रामकृपाल यादव ने पिछले लोकसभा चुनाव में मीसा भारती को पराजित किया था

Loksabha Polls 2019 : पाटलिपुत्र सीट पर रामकृपाल यादव का मुकाबला मीसा भारती से है.

पटना:

सन 2009 के लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections) में पहली बार पटना लोकसभा क्षेत्र को बांटकर पटना साहिब और पाटलिपुत्र दो लोकसभा क्षेत्र बनाए गए...2009 में रंजन प्रसाद यादव जेडीयू से चुनाव जीते थे..तब उन्होंने बीजेपी के रामकृपाल यादव को 23 हजार से कुछ अधिक वोटों से हराया था. लेकिन 2014 के मोदी लहर में रामकृपाल ने यह सीट जीत ली और आरजेडी की मीसा यादव को मात दी. रामकृपाल को 39.16 फीसदी वोट मिले तो मीसा यादव को 35.04 फीसदी वोट और जीत का अंतर सिर्फ 41 हजार वोटों का था. मगर 2014 में जेडीयू अलग रही थी और वह किसी गठबंधन का हिस्सा नहीं थी. अब वह बीजेपी के साथ है तो जेडीयू के 9.93 फीसदी वोट को भी बीजेपी के साथ जोड़ना पड़ेगा. ऐसे में पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र में बीजेपी और जेडीयू वोटों की कुल संख्या 49.09 फीसदी होता है. वहीं दूसरी ओर पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र में सीपीआईएमएल को भी 5.27 फीसदी वोट मिले थे. इस लिहाज से महागठबंधन के सभी दलों यानि आरजेडी,सीपीआईएमएस,कांग्रेस का वोट जोड़ दें तो उनके कुल वोटों की संख्या 43.26 फीसदी तक पहुंचता है. इस बार भी रामकृपाल यादव और मीसा यादव मैदान में हैं.

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यह लड़ाई इसलिए भी दिलचस्प है कि रामकृपाल एक वक्त में लालू के शिष्य और सिपाहसालार होते थे. यही नहीं रामकृपाल यादव आरजेडी के टिकट पर बिहार के विधान परिषद के सदस्य रहे. तीन बार लोकसभा के सदस्य रहे और एक बार आरजेडी के टिकट पर राज्यसभा में भी जीतकर आए. मगर 2014 में जब लालू यादव ने पाटलिपुत्र की सीट रामकृपाल यादव को न देकर मीसा यादव को दे दी तो रामकृपाल यादव ने नाराज होकर बीजेपी का दामन थाम लिया और मीसा भारती को हरा दिया. यही वजह है कि इस बार भी पाटलिपुत्र की यह सीट लालू यादव परिवार के लिए प्रतिष्ठा की सीट बनी हुई है.

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यहां पर चुनाव प्रचार के दौरान तेजस्वी यादव ने आरक्षण का मुद्दा उठा दिया है और पिछड़ी जातियों को यह कह रहे हैं कि यदि केन्द्र में मोदी सरकार आई तो पिछड़ों का आरक्षण खत्म हो जाएगा. पाटलीपुत्र लोकसभा सीट यादव बहुल इलाका है. यहां 5 लाख यादव, साढ़े चार लाख भूमिहार, 3 लाख राजपूत और कुर्मी और डेढ़ लाख ब्राह्मण मतदाता हैं. पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र में 6 विधानसभा क्षेत्र हैं जिसमें दानापुर, मनेर, फुलवारी, मसौठी, पालीगंज और विक्रम जैसे क्षेत्र आते हैं. इसमें से फुलवारी और मसौठी रिर्जव क्षेत्र हैं. इन विधानसभाओं में से मनेर,मसौठी और पाली पर आरजेडी का कब्जा है. जबकि दानापुर पर बीजेपी, फुलवारी पर जदयू और विक्रम पर कांग्रेस का कब्जा है. यानि 6 विधानसभा में से 4 पर महागठबंधन और दो पर बीजेपी-जदयू का कब्जा है .यही वजह है कि 2014 की मोदी लहर में महज 41 हजार से जीतने वाले रामकृपाल के लिए मीसा यादव बड़ी चुनौती बनी हुई हैं. और इसी ने इस चुनाव को कांटेदार और दिलचस्प बना दिया है.

VIDEO : पटना साहिब सीट का गणित

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