कांग्रेस (Congress) पार्टी के लिए सबसे बड़ा झटका रहा पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का अमेठी (Amethi) सीट से हार जाना. केंद्रीय मंत्री और बीजेपी प्रत्याशी स्मृति ईरानी (Smriti Irani) ने अमेठी संसदीय सीट से जीत दर्ज की है. हालांकि 2014 के लोकसभा चुनावों में भी स्मृति ईरानी (Smriti Irani) ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की जीत के अंतर को कम कर दिया था लेकिन कांग्रेस (Congress) द्वारा इस सीट पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया. ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि राहुल गांधी के पिछड़ने के पीछे अमेठी (Amethi) की जनता क्या सोचती है. आखिर क्या वजह थी गांधी परिवार के गढ़ कहे जाने वाले अमेठी ने राहुल के बजाय उस प्रत्याशी को अपना वोट दिया जो सिर्फ कुछ सालों पहले ही अमेठी पहुंचा था.
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एनडीटीवी की टीम अमेठी (Amethi) पहुंची ये पता करने के लिए आखिर अमेठी की जनता क्या सोचती है. गांव के लोगों ने बताया कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) अमेठी में सिर्फ गेस्टहाउस तक ही सीमित रहते थे. स्थानीय लोगों को उनसे मुलाकात करने नहीं दिया जाता था. राहुल गांधी के करीबी लोगों पर ही अमेठी के लोगों की जिम्मेदारी थी. लोगों ने बताया कि राहुल गांधी के करीबी लोग सारी योजनाओं को अपने खास लोगों तक ही रखते थे. जिसकी वजह से अमेठी की जनता का विश्वास राहुल गांधी और कांग्रेस पर से उठ गया.
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वहीं स्मृति ईरानी (Smriti Irani) के बारे में लोगों का कहना है कि जो भी योजनाएं होती हैं. बीजेपी के कार्यकर्ता गरीबों तक पहुंचाते हैं. स्मृति ईरानी और राहुल गांधी की तुलना करते हुए लोगों ने बताया कि ईरानी अमेठी के लोगों से मुलाकात करती हैं जबकि राहुल गांधी सिर्फ गेस्ट हाउस तक ही सीमित रहते थे. लोगों ने बताया कि चुनाव के समय कांग्रेस के बड़े बड़े नेता आते हैं लेकिन चुनाव के बाद सब गायब हो जाते हैं.
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