नई दिल्ली:
इन-रेजिडेंस कार्यक्रम के अंतर्गत 10 नवप्रवर्तन विद्वानों, दो लेखकों और दो कलाकारों ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से भेंट की. राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी बयान के अनुसार, राष्ट्रपति मुखर्जी ने कहा कि इन-रेजिडेंस कलाकार, लेखक एवं नवप्रवर्तन विद्वान हमारे लिए विशेष थे, क्योंकि इनके पास नवप्रवर्तन, संवेदनशील एवं कल्पनाशील सोच है, जिसने समय, स्थान और आसपास की सीमाओं को लांघा हैं.
उन्होंने कहा, "इनकी रचनात्मकता का प्रभाव अनंत है. वह इस बात से अत्यंत खुश थे कि उनके कार्यकाल के दौरान इन-रेजिडेंस कार्यक्रम के अंतर्गत वह प्रतिभागियों को अपनी रचनात्मकता को आगे बढ़ाने का अवसर उपलब्ध करा सके."
राष्ट्रपति की सचिव अमिता पॉल ने कहा, "जब राष्ट्रपति ने अपनी जिम्मेदारी संभाली थी, तब उनका यह ²ष्टिकोण था कि नवप्रवर्तन को देश में एक आंदोलन बनना चाहिए." उन्होंने कहा कि यह देखना बेहद सुखद था कि उनके ²ष्टिकोण को देशभर में महसूस किया जा रहा था एवं उसको साकार करने के प्रयास हो रहे थे.
राष्ट्रीय नवप्रवर्तन प्रतिष्ठान के कार्यकारी उपाध्यक्ष अनिल गुप्ता ने कहा कि प्रणब मुखर्जी के राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान नवप्रवर्तन की एक विरासत तैयार की जा चुकी है और नवप्रवर्तन के क्षेत्र में कार्यरत देशभर के लोगों के बीच एक सकारात्मक संदेश भी जा चुका है.
इन-रेजिडेंस कार्यक्रम में शामिल कई प्रतिभागियों ने भी अपने विचार रखे, और कहा कि वे राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के आभारी हैं कि उन्होंने सप्ताहभर चले इस इन-रेजिडेंस कार्यक्रम का हिस्सा बनने के लिए अवसर प्रदान किया. उन्होंने मुखर्जी के राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान स्मार्ट ग्राम, समागम, स्पर्श आदि कई पहलों की सराहना की.
न्यूज एजेंसी आईएएनएस से इनपुट
उन्होंने कहा, "इनकी रचनात्मकता का प्रभाव अनंत है. वह इस बात से अत्यंत खुश थे कि उनके कार्यकाल के दौरान इन-रेजिडेंस कार्यक्रम के अंतर्गत वह प्रतिभागियों को अपनी रचनात्मकता को आगे बढ़ाने का अवसर उपलब्ध करा सके."
राष्ट्रपति की सचिव अमिता पॉल ने कहा, "जब राष्ट्रपति ने अपनी जिम्मेदारी संभाली थी, तब उनका यह ²ष्टिकोण था कि नवप्रवर्तन को देश में एक आंदोलन बनना चाहिए." उन्होंने कहा कि यह देखना बेहद सुखद था कि उनके ²ष्टिकोण को देशभर में महसूस किया जा रहा था एवं उसको साकार करने के प्रयास हो रहे थे.
राष्ट्रीय नवप्रवर्तन प्रतिष्ठान के कार्यकारी उपाध्यक्ष अनिल गुप्ता ने कहा कि प्रणब मुखर्जी के राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान नवप्रवर्तन की एक विरासत तैयार की जा चुकी है और नवप्रवर्तन के क्षेत्र में कार्यरत देशभर के लोगों के बीच एक सकारात्मक संदेश भी जा चुका है.
इन-रेजिडेंस कार्यक्रम में शामिल कई प्रतिभागियों ने भी अपने विचार रखे, और कहा कि वे राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के आभारी हैं कि उन्होंने सप्ताहभर चले इस इन-रेजिडेंस कार्यक्रम का हिस्सा बनने के लिए अवसर प्रदान किया. उन्होंने मुखर्जी के राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान स्मार्ट ग्राम, समागम, स्पर्श आदि कई पहलों की सराहना की.
न्यूज एजेंसी आईएएनएस से इनपुट
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