प्रतीकात्मक तस्वीर
संयुक्त राष्ट्र ने भारत के उसके साथ 70 साल के संबंधों को चिह्नित करने वाली स्मारिका लॉन्च की है. इसका नाम ‘सेवन डिकेड्स एंड बियोंड : द यूएन-इंडिया कनेक्ट’ रखा गया है.
जानी मानी हस्तियों ने दिये योगदान
इस पुस्तक में ऐसी कई जानीमानी हस्तियों ने अपने स्मरण लिखे हैं जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र के साथ काम करते हुए इतिहास में नाम दर्ज कराया है. इनमें किरण बेदी, वीरेंद्र दयाल, नितिन देसाई, चिन्मय ग़रेखान, अरुंधति घोष, जनरल सतीश नांबियार, हरदीप पुरी और शशि थरूर के नाम हैं. इनमें से कुछ लोगों ने संयुक्त राष्ट्र के सामने आ रहे विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार रखे हैं.
संयुक्त राष्ट्र की प्रासंगिकता का भी ज़िक्र
चिन्मय ग़रेखान ने कहा, ‘‘21वीं सदी में संयुक्त राष्ट्र की प्रासंगिकता को लेकर सवाल उठाये जाते हैं, लेकिन हमें खुद से पूछना होगा कि क्या हमारे पास दूसरा यूएन है?’’ साल 2003 में संयुक्त राष्ट्र की असैन्य पुलिस सलाहकार नियुक्त की गयीं किरण बेदी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में वैश्विक आतंकवाद और नफरत फैलाने के लिए डिजिटल तरीकों का इस्तेमाल शामिल है. पुडुचेरी की राज्यपाल बेदी ने एक ‘समावेशी’ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की भी वकालत की.
29 साल तक संयुक्त राष्ट्र में सेवाएं दे चुके सांसद शशि थरूर ने ट्रंप प्रशासन द्वारा वैश्विक संस्था के बजट में कथित रूप से की गयी कटौती के बारे में बात की.
एजेंसी से इनपुट
सिर्फ सिर झुकाकर आदेश माने वाली पत्नी नहीं थी 'सीता'
किताब 'रेजिंग ट्रंप' में होंगे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बच्चों की परवरिश से जुड़े दिलचस्प किस्से...
पुस्तक प्रेमियों के लिए 'जन्नत' के समान है दरियागंज की यह दुकान
जानी मानी हस्तियों ने दिये योगदान
इस पुस्तक में ऐसी कई जानीमानी हस्तियों ने अपने स्मरण लिखे हैं जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र के साथ काम करते हुए इतिहास में नाम दर्ज कराया है. इनमें किरण बेदी, वीरेंद्र दयाल, नितिन देसाई, चिन्मय ग़रेखान, अरुंधति घोष, जनरल सतीश नांबियार, हरदीप पुरी और शशि थरूर के नाम हैं. इनमें से कुछ लोगों ने संयुक्त राष्ट्र के सामने आ रहे विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार रखे हैं.
संयुक्त राष्ट्र की प्रासंगिकता का भी ज़िक्र
चिन्मय ग़रेखान ने कहा, ‘‘21वीं सदी में संयुक्त राष्ट्र की प्रासंगिकता को लेकर सवाल उठाये जाते हैं, लेकिन हमें खुद से पूछना होगा कि क्या हमारे पास दूसरा यूएन है?’’ साल 2003 में संयुक्त राष्ट्र की असैन्य पुलिस सलाहकार नियुक्त की गयीं किरण बेदी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में वैश्विक आतंकवाद और नफरत फैलाने के लिए डिजिटल तरीकों का इस्तेमाल शामिल है. पुडुचेरी की राज्यपाल बेदी ने एक ‘समावेशी’ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की भी वकालत की.
29 साल तक संयुक्त राष्ट्र में सेवाएं दे चुके सांसद शशि थरूर ने ट्रंप प्रशासन द्वारा वैश्विक संस्था के बजट में कथित रूप से की गयी कटौती के बारे में बात की.
एजेंसी से इनपुट
सिर्फ सिर झुकाकर आदेश माने वाली पत्नी नहीं थी 'सीता'
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