नई दिल्ली:
विख्यात कवि और बॉलीवुड गीतकार गुलजार का कहना है कि गीत लिखना उनका पेशा है, लेकिन कविता उनके जीवन का वृतान्त है. यह उनके जीवन के फलसफे को बयां करती है. गुलजार ने कहा कि गीत लिखना मेरा काम है, पेशा है, लेकिन कविता मेरे जीवन का वृतान्त है, कुछ ऐसा जिसे मैं महसूस करता हूं, जानता हूं और जिसे मैंने अपनी जिंदगी में पाया है, वह मेरा वृतान्त है.
उन्होंने अपने यह विचार यहां व्हिस्लिंग वुड्स एकेडमी में छात्रों और मीडिया से बातचीत के दौरान व्यक्त किए. उन्होंने कहा कि फिल्मों के लिए जब वह गीत लिखते हैं तो उनसे कहानी और पात्रों को ध्यान में रखते हुए इसे बेहतर तरीके से पेश करने के लिए कहा जाता है, लेकिन कविता के साथ ऐसा नहीं है.
इस मौके पर फिल्मकार सुभाष घई ने कहा कि हम नाटकीय समाज, काव्यात्मक समाज बनाना चाहते हैं क्योंकि कविता बहुत महत्वपूर्ण है. यह आपके किरदार को उभारती है..बच्चों को कविता जरूर सीखनी चाहिए. स्कूलों व कॉलेजों में इसे एक विषय के रूप में पढ़ाया जाना चाहिए.
उन्होंने अपने यह विचार यहां व्हिस्लिंग वुड्स एकेडमी में छात्रों और मीडिया से बातचीत के दौरान व्यक्त किए. उन्होंने कहा कि फिल्मों के लिए जब वह गीत लिखते हैं तो उनसे कहानी और पात्रों को ध्यान में रखते हुए इसे बेहतर तरीके से पेश करने के लिए कहा जाता है, लेकिन कविता के साथ ऐसा नहीं है.
इस मौके पर फिल्मकार सुभाष घई ने कहा कि हम नाटकीय समाज, काव्यात्मक समाज बनाना चाहते हैं क्योंकि कविता बहुत महत्वपूर्ण है. यह आपके किरदार को उभारती है..बच्चों को कविता जरूर सीखनी चाहिए. स्कूलों व कॉलेजों में इसे एक विषय के रूप में पढ़ाया जाना चाहिए.
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