नई दिल्ली:
बिहार की राजधानी के ऐतिहासिक गांधी मैदान में 11 दिन चले पटना पुस्तक मेले के अंतिम दिन पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया और 'प्रेम, सेक्स और साहित्य' विषय पर परिचर्चा हुई. साथ ही राम भगवान सिंह को 'बिहार भारती सम्मान' दिया गया.
सेंटर फॉर रीडरशिप डेवलपमेंट (सीआरडी) द्वारा आयोजित 23वें पटना पुस्तक मेले के अंतिम दिन युवा कलाकारों और साहित्यकारों को दिए जाने वाले पुरस्कारों के साथ इस वर्ष साहित्य-संस्कृति से जुड़े किसी एक व्यक्ति को सम्मानित करने का निर्णय लिया गया. 'बिहार भारती सम्मान' के रूप में प्रत्येक वर्ष यह किसी ऐसे व्यक्ति को दिया जाएगा, जो कला और साहित्य के विकास और प्रसार में सक्रिय हैं.
वर्ष 2017 के लिए राम भगवान सिंह को 'बिहार भारती सम्मान' से सम्मानित किया गया. सिंह हर साल सरस्वती पूजा के अवसर पर परिचित और अपरिचित लोगों को पोस्टकार्ड लिखकर पुस्तक खरीदने के लिए प्रोत्साहन देने के रूप में चर्चित हैं.
साहित्य लेखन के लिए इस वर्ष विद्यापति पुरस्कार खगड़िया के शंकरानंद को और रंगमंच में योगदान देने के लिए 'भिखारी ठाकुर पुरस्कार' मुजफ्फरपुर की शिल्पा भारती को दिया गया. इसी तरह पेंटिंग में योगदान के लिए शैल कुमारी को तथा उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए बसंत कुमार को 'सुरेंद्र प्रताप सिंह स्मृति पुरस्कार' से पुरस्कृत किया गया.
'प्रेम, सेक्स और साहित्य' विषय पर आयोजित परिचर्चा में भाग लेते हुए कहानीकार पंकज दूबे ने कहा कि सेक्स शिक्षा को अपने घर से ही शुरू करना चाहिए, ताकि बच्चे अच्छे-बुरे स्पर्श को पहचान सकें. उन्होंने कहा, "सेक्स के प्रति हम भारतीयों को अपना नजरिया बदलना होगा. जब समझते हैं कि यह हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा है, तब इस पर बात करने से कतराना ठीक नहीं है."
कवयित्री उपासना झा ने कहा कि घरों में शादीशुदा जिंदगी में भी दुष्कर्म होता है, जिसे भारतीय परिपेक्ष्य में नगण्य माना जाता है. इस मेले का उद्घाटन चार फरवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था. इसमें 300 से ज्यादा प्रकाशकों ने हिस्सा लिया. ग्यारह दिनों तक पुस्तक प्रेमियों की उमड़ी भीड़ ने साबित कर दिया कि टीवी चैनलों और सोशल मीडिया के इस दौर में भी लोग किताब पढ़ना चाहते हैं.
सेंटर फॉर रीडरशिप डेवलपमेंट (सीआरडी) द्वारा आयोजित 23वें पटना पुस्तक मेले के अंतिम दिन युवा कलाकारों और साहित्यकारों को दिए जाने वाले पुरस्कारों के साथ इस वर्ष साहित्य-संस्कृति से जुड़े किसी एक व्यक्ति को सम्मानित करने का निर्णय लिया गया. 'बिहार भारती सम्मान' के रूप में प्रत्येक वर्ष यह किसी ऐसे व्यक्ति को दिया जाएगा, जो कला और साहित्य के विकास और प्रसार में सक्रिय हैं.
वर्ष 2017 के लिए राम भगवान सिंह को 'बिहार भारती सम्मान' से सम्मानित किया गया. सिंह हर साल सरस्वती पूजा के अवसर पर परिचित और अपरिचित लोगों को पोस्टकार्ड लिखकर पुस्तक खरीदने के लिए प्रोत्साहन देने के रूप में चर्चित हैं.
साहित्य लेखन के लिए इस वर्ष विद्यापति पुरस्कार खगड़िया के शंकरानंद को और रंगमंच में योगदान देने के लिए 'भिखारी ठाकुर पुरस्कार' मुजफ्फरपुर की शिल्पा भारती को दिया गया. इसी तरह पेंटिंग में योगदान के लिए शैल कुमारी को तथा उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए बसंत कुमार को 'सुरेंद्र प्रताप सिंह स्मृति पुरस्कार' से पुरस्कृत किया गया.
'प्रेम, सेक्स और साहित्य' विषय पर आयोजित परिचर्चा में भाग लेते हुए कहानीकार पंकज दूबे ने कहा कि सेक्स शिक्षा को अपने घर से ही शुरू करना चाहिए, ताकि बच्चे अच्छे-बुरे स्पर्श को पहचान सकें. उन्होंने कहा, "सेक्स के प्रति हम भारतीयों को अपना नजरिया बदलना होगा. जब समझते हैं कि यह हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा है, तब इस पर बात करने से कतराना ठीक नहीं है."
कवयित्री उपासना झा ने कहा कि घरों में शादीशुदा जिंदगी में भी दुष्कर्म होता है, जिसे भारतीय परिपेक्ष्य में नगण्य माना जाता है. इस मेले का उद्घाटन चार फरवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था. इसमें 300 से ज्यादा प्रकाशकों ने हिस्सा लिया. ग्यारह दिनों तक पुस्तक प्रेमियों की उमड़ी भीड़ ने साबित कर दिया कि टीवी चैनलों और सोशल मीडिया के इस दौर में भी लोग किताब पढ़ना चाहते हैं.
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