प्रतीकात्मक तस्वीर
मुगल बादशाह अकबर पर आधारित एक नया उपन्यास लेकर आ रहें हैं पत्रकार एवं लेखक शाज़ी ज़माँ. यह उपन्यास लेखक के 20 साल के रिसर्च का परिणाम है. दो दशकों में पहली बार इतिहास और कहानी के पाठकों के लिए इस उपन्यास में अकबर का कैरेक्टर इतनी मजबूती से पेश किया जायेगा. लेखक ने अकबर के बारे में उपलब्ध हो सके सारे स्त्रोतों का गहराई से अध्ययन किया है. इन्होंने इसके लिए कलकता के इंडियन म्यूजियम से लेकर के लंदन के विक्टोरिया और अल्बर्ट म्यूजियम तक की यात्राएँ की और हर एक छोटी से छोटी पेंटिंग से लेकर अकबर और उसके समकालीन मुगल स्थापत्य का गहराई से अध्ययन किया.
'आज भी प्रासंगिक है अकबर की सोच'
लेखक ज़माँ कहते हैं, " अकबर उन सारे समाजों के लिए प्रासंगिक है जिनमें बहुत सारी शाखाएँ हैं, जिनमें अलग-अलग विचारधाराएं और मजहब हैं. इसलिए समय के साथ-साथ उसकी प्रासंगिकता बढ़ी है. मैं 21वीं सदी में जी रहा हूं, और मुझे आज के समय उनका जीवन और उनके विचार बहुत ही प्रासंगिक दीखते हैं. अकबर ने जिस तरह से भिन्न मतों के बीच सामंजस्य स्थापित किया था वो प्रेरणादायक है."
'बादशाह के इबादतखाने में सभी धर्मों के लिए एक मंच'
ज़माँ कहते हैं- अकबर के इबादतखाने में कोई भेदभाव नहीं था, सभी मतों के लोग वहां आ सकते थे. अपने मन की बात कह सकते थे. उनमें खुद को आध्यात्मिक राजा के रूप में स्थापित होने की चाहत नज़र आती है वो बहुत ही मजेदार है.
राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित हो रहा यह उपन्यास प्री-बुकिंग के लिए aAmazon पर उपलब्ध है और बाजार में यह उपन्यास 15 नवम्बर के बाद उपलब्ध होगा.
महिलाओं के पेशेवर विकास की राह दिखाती है 'स्टेप अप'
आतंकवाद पर असम साहित्य सभा के अध्यक्ष की पहली अंग्रेजी किताब...
'आज भी प्रासंगिक है अकबर की सोच'
लेखक ज़माँ कहते हैं, " अकबर उन सारे समाजों के लिए प्रासंगिक है जिनमें बहुत सारी शाखाएँ हैं, जिनमें अलग-अलग विचारधाराएं और मजहब हैं. इसलिए समय के साथ-साथ उसकी प्रासंगिकता बढ़ी है. मैं 21वीं सदी में जी रहा हूं, और मुझे आज के समय उनका जीवन और उनके विचार बहुत ही प्रासंगिक दीखते हैं. अकबर ने जिस तरह से भिन्न मतों के बीच सामंजस्य स्थापित किया था वो प्रेरणादायक है."
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ज़माँ कहते हैं- अकबर के इबादतखाने में कोई भेदभाव नहीं था, सभी मतों के लोग वहां आ सकते थे. अपने मन की बात कह सकते थे. उनमें खुद को आध्यात्मिक राजा के रूप में स्थापित होने की चाहत नज़र आती है वो बहुत ही मजेदार है.
राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित हो रहा यह उपन्यास प्री-बुकिंग के लिए aAmazon पर उपलब्ध है और बाजार में यह उपन्यास 15 नवम्बर के बाद उपलब्ध होगा.
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