Rajkamal Prakashan
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युगों का यात्री: साहस ही किसी कवि को बड़ा बनाता है- नागार्जुन
- Sunday December 8, 2019
नागार्जुन का जीवन यायावरी का जीवन था. बुढ़ापे में भी वह यह कहते पाए जाते कि जब भी बीमार पड़ूं, किसी ट्रेन का टिकट कटाकर गाड़ी में चढ़ा देना, ठीक हो जाऊंगा. जब वह सरकार की विकास-अवधारणा पर खिसियाते तो कहते कि यदि और कुछ भी करने में सरकार बिलकुल ही नाकाम है तो यही कर दे कि हर नागरिक को देश-भ्रमण करवा दे, इससे कूपमंडूकता तो खत्म होगी. काशी की विद्वत्परंपरा से निकलकर वह आर्यसमाज की तरफ गए, श्रीलंका जाकर बौद्ध बने, उधर से लौटकर आजादी की लड़ाई में शामिल हुए.
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अंग्रेजी गानों की वजह से सुनने पड़े ताने, लेकिन हर बाधा को पार किया : उषा उथुप
- Wednesday November 13, 2019
भारत में पॉप संगीत को एक नया आयाम और नई ऊंचाई देने वालीं जानी-मानी गायिका उषा उथुप की आधिकारिक जीवनी 'उल्लास की नाव' का लोकार्पण मंगलवार की शाम नई दिल्ली स्थित इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में किया गया. यह जीवनी विकास कुमार झा ने लिखी है.
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अल्पना मिश्र: मनुष्यता पर गहराते संकट को बयान करता है 'अस्थि फूल'
- Wednesday October 2, 2019
स्त्री-पुरुष के संबंध में बदलाव तो आया है, लेकिन उतना भी नहीं आ पाया. देखने में तो आज स्त्री घर से बाहर निकल रही है. नौकरी कर रही है. पैसा भी कमा रही है, लेकिन उस पैसे पर अभी भी उसका अधिकार नहीं है. अगर वह अपना पैसा खर्च करती है तो उसका हिसाब भी देना होता है. ये जो चीजें हैं ये स्त्री और पुरुष के संबंध में अधिकारों को निर्धारित करती हैं.
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जमाने में हम : दिल्ली का साहित्य जगत और निर्मला जैन के संघर्ष की कथा
- Saturday January 14, 2017
- Suryakant Pathak
दिल्ली का हिन्दी साहित्य जगत और राजधानी के विश्वविद्यालयों का हिन्दी शिक्षण जगत बीती सदी के उत्तरार्ध्द में कैसे बदलता गया, साहित्य जगत में किस तरह की राजनीति चलती रही और इसके समानांतर किस तरह रचनाकर्म, शोध जैसे कार्य होते रहे...यह सब गहराई से समझने के लिए निर्मला जैन की कृति 'जमाने में हम' बड़ी उपयोगी है. राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित यह कृति निर्मला जैन की आत्मकथा है.
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वर्ल्ड बुक फेयर में हुआ 11 काव्य संग्रहों का लोकार्पण
- Saturday January 14, 2017
विश्व पुस्तक मेले के सातवें दिन राजकमल प्रकाशन समूह पर आलोचक नामवर सिंह द्वारा 11 लेखकों के काव्य संग्रहों का लोकार्पण किया. काव्य संग्रहों में गीत चतुर्वेदी की 'न्यूनतम मैं', दिनेश कुशवाह की 'इतिहास में अभागे', आर. चेतनक्रांति की 'वीरता पर विचलित' का लोकार्पण आलोचक नामवर सिंह द्वारा राजकमल प्रकाशन के पंडाल पर हुआ.
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विश्व पुस्तक मेले में बढ़ रही है पुस्तक प्रेमियों की भीड़
- Friday January 13, 2017
दिल्ली में चल रहा विश्व पुस्तक मेला अपने पूरे शबाब पर है. मेले में हिंदी के नामचीन लेखकों की मौजूदगी पुस्तक प्रेमियों को अपनी ओर खींच रही है. शुक्रवार को विभिन्न स्टॉल पर प्रसिद्ध लेखकों की किताबों के लोकार्पण कार्यक्रम आयोजित किए गए.
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मुगल सम्राट अकबर की जिंदगी पर नई किताब ‘अकबर’
- Saturday October 29, 2016
मुगल बादशाह अकबर पर आधारित एक नया उपन्यास लेकर आ रहें हैं पत्रकार एवं लेखक शाज़ी ज़माँ. यह उपन्यास लेखक के 20 साल के रिसर्च का परिणाम है. दो दशकों में पहली बार इतिहास और कहानी के पाठकों के लिए इस उपन्यास में अकबर का कैरेक्टर इतनी मजबूती से पेश किया जायेगा.
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युगों का यात्री: साहस ही किसी कवि को बड़ा बनाता है- नागार्जुन
- Sunday December 8, 2019
नागार्जुन का जीवन यायावरी का जीवन था. बुढ़ापे में भी वह यह कहते पाए जाते कि जब भी बीमार पड़ूं, किसी ट्रेन का टिकट कटाकर गाड़ी में चढ़ा देना, ठीक हो जाऊंगा. जब वह सरकार की विकास-अवधारणा पर खिसियाते तो कहते कि यदि और कुछ भी करने में सरकार बिलकुल ही नाकाम है तो यही कर दे कि हर नागरिक को देश-भ्रमण करवा दे, इससे कूपमंडूकता तो खत्म होगी. काशी की विद्वत्परंपरा से निकलकर वह आर्यसमाज की तरफ गए, श्रीलंका जाकर बौद्ध बने, उधर से लौटकर आजादी की लड़ाई में शामिल हुए.
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अंग्रेजी गानों की वजह से सुनने पड़े ताने, लेकिन हर बाधा को पार किया : उषा उथुप
- Wednesday November 13, 2019
भारत में पॉप संगीत को एक नया आयाम और नई ऊंचाई देने वालीं जानी-मानी गायिका उषा उथुप की आधिकारिक जीवनी 'उल्लास की नाव' का लोकार्पण मंगलवार की शाम नई दिल्ली स्थित इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में किया गया. यह जीवनी विकास कुमार झा ने लिखी है.
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अल्पना मिश्र: मनुष्यता पर गहराते संकट को बयान करता है 'अस्थि फूल'
- Wednesday October 2, 2019
स्त्री-पुरुष के संबंध में बदलाव तो आया है, लेकिन उतना भी नहीं आ पाया. देखने में तो आज स्त्री घर से बाहर निकल रही है. नौकरी कर रही है. पैसा भी कमा रही है, लेकिन उस पैसे पर अभी भी उसका अधिकार नहीं है. अगर वह अपना पैसा खर्च करती है तो उसका हिसाब भी देना होता है. ये जो चीजें हैं ये स्त्री और पुरुष के संबंध में अधिकारों को निर्धारित करती हैं.
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जमाने में हम : दिल्ली का साहित्य जगत और निर्मला जैन के संघर्ष की कथा
- Saturday January 14, 2017
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दिल्ली का हिन्दी साहित्य जगत और राजधानी के विश्वविद्यालयों का हिन्दी शिक्षण जगत बीती सदी के उत्तरार्ध्द में कैसे बदलता गया, साहित्य जगत में किस तरह की राजनीति चलती रही और इसके समानांतर किस तरह रचनाकर्म, शोध जैसे कार्य होते रहे...यह सब गहराई से समझने के लिए निर्मला जैन की कृति 'जमाने में हम' बड़ी उपयोगी है. राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित यह कृति निर्मला जैन की आत्मकथा है.
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वर्ल्ड बुक फेयर में हुआ 11 काव्य संग्रहों का लोकार्पण
- Saturday January 14, 2017
विश्व पुस्तक मेले के सातवें दिन राजकमल प्रकाशन समूह पर आलोचक नामवर सिंह द्वारा 11 लेखकों के काव्य संग्रहों का लोकार्पण किया. काव्य संग्रहों में गीत चतुर्वेदी की 'न्यूनतम मैं', दिनेश कुशवाह की 'इतिहास में अभागे', आर. चेतनक्रांति की 'वीरता पर विचलित' का लोकार्पण आलोचक नामवर सिंह द्वारा राजकमल प्रकाशन के पंडाल पर हुआ.
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विश्व पुस्तक मेले में बढ़ रही है पुस्तक प्रेमियों की भीड़
- Friday January 13, 2017
दिल्ली में चल रहा विश्व पुस्तक मेला अपने पूरे शबाब पर है. मेले में हिंदी के नामचीन लेखकों की मौजूदगी पुस्तक प्रेमियों को अपनी ओर खींच रही है. शुक्रवार को विभिन्न स्टॉल पर प्रसिद्ध लेखकों की किताबों के लोकार्पण कार्यक्रम आयोजित किए गए.
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मुगल सम्राट अकबर की जिंदगी पर नई किताब ‘अकबर’
- Saturday October 29, 2016
मुगल बादशाह अकबर पर आधारित एक नया उपन्यास लेकर आ रहें हैं पत्रकार एवं लेखक शाज़ी ज़माँ. यह उपन्यास लेखक के 20 साल के रिसर्च का परिणाम है. दो दशकों में पहली बार इतिहास और कहानी के पाठकों के लिए इस उपन्यास में अकबर का कैरेक्टर इतनी मजबूती से पेश किया जायेगा.
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