
NCERT English Book: क्लास 8 के छात्र अब अपनी नई एनसीईआरटी अंग्रेजी के किताबों में पहले परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ शर्मा की वीरता और बडगाम के ऐतिहासिक युद्ध के बारे में जानेंगे. एनसीईआरटी के अनुसार, ऐसा "छात्रों को साहस, कर्तव्य और देशभक्ति के मूल्य" सिखाने के लिए किया गया है. हाल ही में लॉन्च की गई नई पुस्तक - "पूर्वी" में 'श्वेत क्रांति के जनक' वर्गीज़ कुरियन और भारत की पहली महिला कण भौतिक विज्ञानी बिभा चौधरी सहित अन्य लोगों की कहानियां भी शामिल की गई हैं. छात्र यूनिट 2 में "वैल्यू और बिहेवियर" में बडगाम के युद्ध और मेजर सोमनाथ शर्मा के सर्वोच्च बलिदान के बारे में पढ़ेंगे.
वीरता की एक कहानी
पुस्तक के 'शॉर्ट डिटेल्स' खंड में उल्लेख किया गया है, "वीरता की एक कहानी: मेजर सोमनाथ शर्मा और बड़गाम का युद्ध" छात्रों को साहस, कर्तव्य और देशभक्ति के मूल्यों की शिक्षा देता है, और दर्शाता है कि कैसे निस्वार्थता और अपने देश के प्रति प्रतिबद्धता एक स्थायी प्रभाव डाल सकती है. परमवीर चक्र पाने वाले पहले मेजर सोमनाथ शर्मा एक भारतीय सेना अधिकारी थे. 3 नवंबर, 1947 को बड़गाम के युद्ध के दौरान, पाकिस्तान समर्थित हमलावरों से श्रीनगर की रक्षा करते हुए, वे वीरगति को प्राप्त हुए.
पाकिस्तान ने कश्मीर घाटी पर कब्ज़ा करने के लिए ऑपरेशन गुलमर्ग शुरू किया था
सात पेज में फैले इस चेप्टर में उल्लेख है कि बड़गाम का युद्ध अगस्त में शुरू हुआ था जब पाकिस्तान ने कश्मीर घाटी पर कब्ज़ा करने के लिए ऑपरेशन गुलमर्ग शुरू किया था. यह बताता है कि कैसे यह मौजूदा समझौतों का उल्लंघन था और कैसे 1,000 से अधिक आक्रमणकारियों ने कश्मीर में प्रवेश किया. यह चेप्टर इस बात पर प्रकाश डालता है कि कैसे मेजर सोमनाथ शर्मा और उनके सैनिक, संख्या में कम होने के बावजूद, दृढ़ रहे.
"मेजर सोमनाथ शर्मा का जीवन और बलिदान कर्तव्य, सम्मान और देशभक्ति के सर्वोच्च आदर्शों का प्रतीक है. " वह सैनिकों और नागरिकों दोनों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहे हैं. अध्याय में कहा गया है, "सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उनकी कहानी मातृभूमि की रक्षा में अनगिनत पुरुषों और महिलाओं द्वारा दिए गए बलिदानों की याद दिलाती है और उनके प्रेरित करने वाले कर्तव्य की गहन भावना को उजागर करती है."
बच्चों की सोच को विस्तार करने के लिए टास्क भी दिए जाएंगे
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) और स्कूली शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (NCFSE) 2023 के अनुरूप, नई पाठ्यपुस्तक में पांच विषयगत इकाइयां हैं जिनमें कहानियां, कविताएं, बातचीत और कथात्मक एवं वर्णनात्मक अंश शामिल हैं, जिनका उद्देश्य बच्चों को साहस, दया, आलोचनात्मक सोच, सेवा, जिज्ञासा और दृढ़ता जैसे विषयों से प्रेरित करना है. प्रत्येक इकाई में तीन साहित्यिक अंश हैं - एक कहानी, एक कविता और एक वार्तालाप या गैर-काल्पनिक लेखन. लेसन की समझ का आकलन करने के लिए पाठ में प्रश्न और 'आइए चर्चा करें' सेक्सन भी जोड़ा गया है.
पहली यूनिट
बुद्धि और विवेक - छात्रों को कृष्णदेव राय के दरबार और तेनाली राम की तीक्ष्ण बुद्धि से परिचित कराती है, जो अपने हास्य और चतुर सोच के लिए जाने जाते हैं. मेजर सोमनाथ शर्मा की कहानी के साथ, दूसरी इकाई - मूल्य और स्वभाव - में वर्गीज़ कुरियन: मेरा भी एक सपना था, जो सामुदायिक कल्याण के प्रति निष्ठा और प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालता है. तीसरी इकाई - रहस्य और जादू - कहानियों और कविताओं के माध्यम से तर्क, रचनात्मकता और प्राकृतिक दुनिया के चमत्कारों के विषयों की पड़ताल करती है.
चौथी यूनिट
पर्यावरण - में रस्किन बॉन्ड, सरोजिनी नायडू और कामाक्षी बालासुब्रमण्यम सहित भारतीय लेखकों की रचनाएँ शामिल हैं, जो प्रकृति के साथ मानवीय संबंधों पर केंद्रित हैं. पांचवीं इकाई - विज्ञान और जिज्ञासा - में छात्र "भारत की कण भौतिक विज्ञानी बिभा चौधरी: भारतीय विज्ञान में महिलाओं के लिए मार्ग प्रशस्त करने वाली प्रकाश की किरण" जैसी पुस्तकों से जुड़ेंगे, जिससे नवाचार और समाज में वैज्ञानिकों की भूमिका पर चर्चा को बढ़ावा मिलेगा. एनसीईआरटी ने अपने पाठ्यक्रम संशोधन के तहत कई कक्षाओं के लिए नई अद्यतन पाठ्यपुस्तकें जारी करना शुरू कर दिया है. कुछ पुस्तकें पहले ही जारी हो चुकी हैं, जबकि शेष पुस्तकें वर्ष के अंत तक जारी होने की उम्मीद है.
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