प्रतीकात्मक चित्र
केन्द्रीय वित्त एवं कारपोरेट मामलों के राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि हम राजस्थानी भाषा की संवैधानिक मान्यता के बहुत नजदीक पहुंच गए हैं और वह दिन दूर नहीं है, जब राजस्थानी भाषा को यह सम्मान मिलेगा.
मेघवाल सादुलगंज स्थित रोटरी भवन में आयोजित राज्य स्तरीय राजस्थानी भाषा पुरस्कार एवं सम्मान समारोह के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि राजस्थान की संस्कृति, पूरी दुनिया की विशिष्टतम संस्कृतियों में से एक है. इसे जीवंत रखने के लिए राजस्थानी भाषा की मान्यता अत्यंत है.
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा भाषायी आयोग ने इस संबंध में अध्ययन करवाया है और इसकी रिपोर्ट के आधार पर राजस्थानी, भोजपुरी और भोटी को मान्यता का मार्ग प्रशस्त हो गया है. जल्द ही राजस्थानी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कर लिया जाएगा.
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार के पास मान्यता के लिए प्राप्त प्रस्तावों में से तीन ऐसी भाषाएं थीं, जिन्हें दूसरे देशों ने मान्यता दी है. राजस्थानी भी इनमें से एक है. उन्होंने कहा कि नेपाल में राजस्थानी का मान्यता मिल चुकी है तथा अमेरिका के राष्ट्रपति सचिवालय ने भी इसे भाषा के रूप में मान्यता दी है. उन्होंने कहा कि राजस्थानी में साहित्य सृजन की परम्परा बहुत पुरानी है. यहां की बोलियां, मुहावरे और लोकोक्तियां इसकी मुख्य विशेषता है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
मेघवाल सादुलगंज स्थित रोटरी भवन में आयोजित राज्य स्तरीय राजस्थानी भाषा पुरस्कार एवं सम्मान समारोह के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि राजस्थान की संस्कृति, पूरी दुनिया की विशिष्टतम संस्कृतियों में से एक है. इसे जीवंत रखने के लिए राजस्थानी भाषा की मान्यता अत्यंत है.
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा भाषायी आयोग ने इस संबंध में अध्ययन करवाया है और इसकी रिपोर्ट के आधार पर राजस्थानी, भोजपुरी और भोटी को मान्यता का मार्ग प्रशस्त हो गया है. जल्द ही राजस्थानी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कर लिया जाएगा.
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार के पास मान्यता के लिए प्राप्त प्रस्तावों में से तीन ऐसी भाषाएं थीं, जिन्हें दूसरे देशों ने मान्यता दी है. राजस्थानी भी इनमें से एक है. उन्होंने कहा कि नेपाल में राजस्थानी का मान्यता मिल चुकी है तथा अमेरिका के राष्ट्रपति सचिवालय ने भी इसे भाषा के रूप में मान्यता दी है. उन्होंने कहा कि राजस्थानी में साहित्य सृजन की परम्परा बहुत पुरानी है. यहां की बोलियां, मुहावरे और लोकोक्तियां इसकी मुख्य विशेषता है.
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