नोबेल पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी (Kailash Satyarthi) ने एक पुस्तक लिखी है जिसमें उन्होंने बताया है कि किस तरह से कोरोना वायस संक्रमण ने जीने के तरीके पर असर डाला है, साथ ही इससे पार पाने के तरीकों का भी जिक्र पुस्तक में किया गया है. ‘कोविड-19:सभ्यता का संकट और समाधान' नामक पुस्तक का भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा और राज्य सभा के उप सभापति हरिवंश नरायण सिंह ने बृहस्पतिवार का ऑनलाइन विमोचन किया. पुस्तक में उन तमाम समस्यायों का जिक्र है जिनका सामना लोग रोजाना कर रहे है. मसलन शिक्षा प्रणाली, कारोबार, राजनीति,जन सुरक्षा विदेश नीति, विधि, चिकित्सा, अर्थव्यवस्था आदि क्षेत्रों और देशों के विकास पर संक्रमण ने किस तरह से प्रभाव डाला है.
न्यायमूर्ति मिश्रा ने एक बयान में कहा,‘‘ इन पुस्तक में लिखे गए शब्द, महज कोरे शब्द नहीं हैं बल्कि आज की पीढ़ी के लिए अहम सबक है. यह उन सभी पाठकों के लिए एक ट्रीट जैसी होगी जो मानवता के विचार से स्वयं को जोड़ पाते हैं.'' सत्यार्थी कहते हैं कि उनका मानना है कि इस वक्त आम आदमी, उद्योगपतियों, स्वास्थ्य देखभाल कर्मी, सरकारी तंत्र और सामजिक कार्यकर्ताओं ने अद्वितीय मानवतावादी कार्य किए हैं. उन्होंने बच्चों पर ध्यान दिए जाने पर खास जोर दिया.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं