प्रगति मैदान में चल रहे विश्व पुस्तक मेले के आठवें दिन राजकमल प्रकाशन के स्टॉल जलसा घर में कवि कुमार विश्वास ने अपनी किताब 'फिर मेरी याद' पर बातचीत की. 'फिर मेरी याद' कुमार विश्वास का कविता संग्रह है, जो उनकी पहली किताब के प्रकाशन के 12 साल बाद प्रकाशित हुई है. इसमें उन्होंने अपने जीवन के कुछ पहलुओं, यात्राओं को कविताओं के माध्यम से साझा किया है. इस संग्रह में गीत, कविता, मुक्तक, कला और अशआर शामिल हैं. कुमार विश्वास ने कहा, किताब अपने आप में मुश्किल चीज है. उन्होंने कुछ कविताओं का पाठ भी किया.
दूसरी तरफ, अपनी आलोचना की किताब 'कठिन का अखाड़ेबाज़ और अन्य निबंध' पर बात करते हुए व्योमेश शुक्ल ने कहा, 'वाद-विवाद और आलोचना की संस्कृति को ये निजाम दबाना चाहता है. शनिवार को कई किताबों का लोकार्पण भी हुआ. रविवार को अनिल कुमार यादव की किताब 'गौ सेवक' का लोकर्पण और परिचर्चा होगी. साथ ही अनामिका के उपन्यास 'आईनसाज़', उमेश पंत की किताब 'दूर दुर्गम दुरस्त' और उमा शंकर के कहानी संग्रह 'दिल्ली में नींद' का लोकार्पण होगा.
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