प्रतीकात्मक चित्र
अमेरिका निवासी लेखक चित्रा बनर्जी दिवाकरुणी का अगला उपन्यास 2019 में प्रकाशित होगा. इसमें शोक, छल, स्वामी भक्ति और सम्मान के लिए जूझती सीता के माध्यम से रामायण को फिर से सुनाया गया है और इस प्राचीन गाथा को इच्छाओं के समसायिक और मनोरंजक संघर्ष में रूपांतरित किया गया है. हार्पर कोलिन्स इंडिया ने दिवाकरुणी के अन्य उपन्यासों के साथ ही उनके अगले उपन्यास “अंडर द सॉरो ट्री” के प्रकाशन अधिकार हासिल कर लिए हैं.
“अंडर द सॉरो ट्री” शक्तिशाली लेकिन अक्सर-भुला देने वाली महिला आवाज का स्मरण कराती है.
दिवाकरुणी ने उपन्यास में सीता को केंद्र में रखा है और साथ ही ग्रंथ में वर्णित कई अन्य महिलाओं की आवाज उठाई है जिन्हें अक्सर गलत समझा गया और हाशिये पर रखा गया जैसे कैकेयी, सूपर्णखा और मंदोदरी.
इस उपन्यास में उस विश्व में ताकत और स्वराज्य हासिल करने के संघर्षों को भी बताया गया है जहां पुरुषों को विशेषाधिकार प्राप्त हैं. उपन्यास की प्रकाशक और अधिकार निदेशक दिया कर हर्जा दिवाकरुणी को अद्वितीय कहानीकार मानती हैं.
उनके मुताबकि “अंडर द सॉरो ट्री’’ एक “असाधारण प्रभावशाली उपन्यास होगा जो आजकल के पाठकों के लिए खास तौर पर प्रासंगिक होगा.”
“अंडर द सॉरो ट्री” शक्तिशाली लेकिन अक्सर-भुला देने वाली महिला आवाज का स्मरण कराती है.
दिवाकरुणी ने उपन्यास में सीता को केंद्र में रखा है और साथ ही ग्रंथ में वर्णित कई अन्य महिलाओं की आवाज उठाई है जिन्हें अक्सर गलत समझा गया और हाशिये पर रखा गया जैसे कैकेयी, सूपर्णखा और मंदोदरी.
इस उपन्यास में उस विश्व में ताकत और स्वराज्य हासिल करने के संघर्षों को भी बताया गया है जहां पुरुषों को विशेषाधिकार प्राप्त हैं. उपन्यास की प्रकाशक और अधिकार निदेशक दिया कर हर्जा दिवाकरुणी को अद्वितीय कहानीकार मानती हैं.
उनके मुताबकि “अंडर द सॉरो ट्री’’ एक “असाधारण प्रभावशाली उपन्यास होगा जो आजकल के पाठकों के लिए खास तौर पर प्रासंगिक होगा.”
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