नई दिल्ली:
दयावती मोदी फाउंडेशन ने प्रख्यात बौद्ध नन और बैंकॉक में सथीरा-धम्मसाथन केंद्र की संस्थापक मेय ची सनसाने सथीरासूत्र को कला, संस्कृति और शिक्षा क्षेत्र का प्रतिष्ठित 'दयावती मोदी पुरस्कार 2016' से सम्मानित किया. शिक्षा के क्षेत्र में मेय ची के महत्वपूर्ण कार्यो और समुदायों में हिंसा को दूर करने के लिए किए गए मानवीय प्रयासों ने शीघ्र ही थाईलैंड सरकार ने उन्हें कई महत्वपूर्ण और प्रभावशाली पदों पर नियुक्त किया.
वर्तमान में, वह 'ग्लोबल पीस इनीशिएटिव आफ वुमेन' की सह-अध्यक्ष हैं. यह एक ऐसा संगठन है जो विश्व-शांति के निर्माण करने के साधन के रूप में सहयोगात्मक, संरचनात्मक और सकारात्मक संवाद में सहभागिता करने के लिए प्रतिबद्ध है.
दयावती मोदी फाउंडेशन के अध्यक्ष सतीश कुमार मोदी ने कहा, "मेय ची सनसाने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विख्यात थाईलैंड की बौद्ध नन हैं. उन्होंने धम्म के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रतिष्ठा हासिल की है, जिसमें हम अज्ञानता से छुटकारा पाने और अपने कर्तव्य के दौरान खुश होना सीखते हैं. आज इस मंच पर उन्हें सम्मानित करते हुए मुझे अपार खुशी एवं गर्व महसूस हो रहा है."
मेय ची सनसाने से पहले यह सम्मान अमिताभ बच्चन, मदर टेरेसा, जगजीत सिंह, आशा भोसले, पंडित रविशंकर और बौद्ध धर्मगुरू दलाई लामा आदि को भी मिल चुका है.
वर्तमान में, वह 'ग्लोबल पीस इनीशिएटिव आफ वुमेन' की सह-अध्यक्ष हैं. यह एक ऐसा संगठन है जो विश्व-शांति के निर्माण करने के साधन के रूप में सहयोगात्मक, संरचनात्मक और सकारात्मक संवाद में सहभागिता करने के लिए प्रतिबद्ध है.
दयावती मोदी फाउंडेशन के अध्यक्ष सतीश कुमार मोदी ने कहा, "मेय ची सनसाने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विख्यात थाईलैंड की बौद्ध नन हैं. उन्होंने धम्म के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रतिष्ठा हासिल की है, जिसमें हम अज्ञानता से छुटकारा पाने और अपने कर्तव्य के दौरान खुश होना सीखते हैं. आज इस मंच पर उन्हें सम्मानित करते हुए मुझे अपार खुशी एवं गर्व महसूस हो रहा है."
मेय ची सनसाने से पहले यह सम्मान अमिताभ बच्चन, मदर टेरेसा, जगजीत सिंह, आशा भोसले, पंडित रविशंकर और बौद्ध धर्मगुरू दलाई लामा आदि को भी मिल चुका है.
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