हाल ही में पत्नी को खो चुके मुनीर खान की मुलाकात आकर्षक और मजाकिया मोहिनी सिंह से दिल्ली के एक क्लब में होती है. मोहिनी विवाहित हैं और एक समाचार पत्र स्तंभकार के रूप में काम कर रही हैं. केन्या में जन्मे मुनीर को एक पहेली घेर लेती है और वह मोहिनी के आकर्षण में पड़ जाते हैं. दिल्ली की सड़कें, स्मारक और खंडहर उनके बीच प्रेम प्रसंग की वजह बन जाते हैं. तभी एक आतंकी हमले से पूरा शहर हिल जाता है. यह उस वक्त होता है जब गायों और हिंदू महिलाओं के स्वयंभू संरक्षक जेठालाल और उसके आदमी क्लब में शोर मचाते हैं.
इस तरह की हिंसा को देखकर मोहिनी के माता पिता को बटवारे का दर्द याद आता है और वह अपने दर्द को भुलाने के लिए शिरडी जाते हैं और वहां सेवा करते हैं. इसी बीच जेठा लाल की परछाईं मुनीर और मोहिनी पर पड़ती है. मुनीर और मोहिनी एक दूसरे से अलग नहीं होना चाहते. अब इनके जुनून को क्या कीमत चुकानी पड़ेगी ये तो आप एमजी वसांजी की किताब पढ़ने के बाद ही जान पाएंगे.
कनाडा के उपन्यासकार एमजी वसांजी का उपन्यास 'A Delhi Obsession' दिल्ली के क्लब के शांत वातावरण के बीच, जुनून, प्रेम और विश्वास की एक अप्रत्याशित कहानी को उजागर करता है. यह उपन्यास आपको अपनी गहन दुविधाओं का सामना करने के लिए मजबूर करेगा. यह किताब बेहद संवेदनशील होने के साथ ही पाठकों के नज़रिए को प्रभावित करने वाली है.
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