बीजेपी नेता दिलीप घोष ने कहा, अपने बयान को लेकर उन्हें कोई अफसोस नहीं है।
                                                                                                                        
                                        
                                        
                                                                                कोलकाता: 
                                        'कोलकाता की जादवपुर यूनिवर्सिटी में छेड़छाड़ की शिकायत करने वाली युवा महिलाएं,  'निचले स्तर की हैं, जो पुरुषों पर गिर जाती हैं और उसके बाद छेड़छाड़ की शिकायत करती हैं।' यह आकलन है पश्चिम बंगाल से बीजेपी के वरिष्ठ नेता दिलीप घोष का। राज्य में बीजेपी के अध्यक्ष घोष ने सोमवार को कहा कि उन्हें पिछले सप्ताह दिए गए अपने इस बयान को लेकर जरा भी अफसोस नहीं है। गौरतलब है कि बयान को लेकर वामदलों की ओर से जादवपुर यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन किया जा रहा है।
51 साल के घोष ने कहा, हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी और जेएनयू की तरह जादवपुर विवि वामदलों के सामंतवाद का अड्डा या 'जमींदारी' की तरह रहा है। हमने इनके खिलाफ हमला बोला। ऐसे में इन लोगों को चिंता होने लगी कि उनकी जमींदारी हाथ से फिसल रही है। गौरतलब है कि इन तीन यूनिवर्सिटीज में हाल के समय में वामपंथी विचारधारा वालों छात्रों और बीजेपी से संबद्ध स्टूडेंट विंग एबीवीपी के छात्रों में हिंसक झड़प की घटनाएं सामने आई हैं।
पिछले सप्ताह जादवपुर यूनिवर्सिटी में फिल्म 'बुद्धा इन ए ट्रैफिक जाम ' की स्क्रीनिंग के दौरान छात्र आपस में भिड़ गए थे। छात्राओं ने आरोप लगाया था कि एबीवीपी से जुड़े छात्रों ने कथित तौर पर उनके साथ छेड़छाड़ की। फिल्म के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने कहा था कि प्रदर्शनकारी छात्रों ने उनकी कार पर भी हमला किया। इसी तरह जब फरवरी में जेएनयू से राष्ट्रदोह के आरोप में छात्र नेता कन्हैया कुमार को गिरफ्तार किया गया था तो कन्हैया के समर्थन में जादवपुर यूनिवर्सिटी में भी विरोध प्रदर्शन हुए थे।
                                                                        
                                    
                                51 साल के घोष ने कहा, हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी और जेएनयू की तरह जादवपुर विवि वामदलों के सामंतवाद का अड्डा या 'जमींदारी' की तरह रहा है। हमने इनके खिलाफ हमला बोला। ऐसे में इन लोगों को चिंता होने लगी कि उनकी जमींदारी हाथ से फिसल रही है। गौरतलब है कि इन तीन यूनिवर्सिटीज में हाल के समय में वामपंथी विचारधारा वालों छात्रों और बीजेपी से संबद्ध स्टूडेंट विंग एबीवीपी के छात्रों में हिंसक झड़प की घटनाएं सामने आई हैं।
पिछले सप्ताह जादवपुर यूनिवर्सिटी में फिल्म 'बुद्धा इन ए ट्रैफिक जाम ' की स्क्रीनिंग के दौरान छात्र आपस में भिड़ गए थे। छात्राओं ने आरोप लगाया था कि एबीवीपी से जुड़े छात्रों ने कथित तौर पर उनके साथ छेड़छाड़ की। फिल्म के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने कहा था कि प्रदर्शनकारी छात्रों ने उनकी कार पर भी हमला किया। इसी तरह जब फरवरी में जेएनयू से राष्ट्रदोह के आरोप में छात्र नेता कन्हैया कुमार को गिरफ्तार किया गया था तो कन्हैया के समर्थन में जादवपुर यूनिवर्सिटी में भी विरोध प्रदर्शन हुए थे।
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