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क्या होता है कोदा, जिसे लेकर केदारनाथ में सारा अली खान ने ढाबे वाले से पूछा सवाल

Sara Ali Khan Kedarnath Video: केदारनाथ यात्रा के दौरान सारा अली खान एक ढाबे पर पहुंचीं, यहां उन्होंने ढाबे वाले से कुछ सवाल किए, जिसका वीडियो उन्होंने खुद शेयर किया है.

क्या होता है कोदा, जिसे लेकर केदारनाथ में सारा अली खान ने ढाबे वाले से पूछा सवाल
सारा अली खान ने शेयर किया वीडियो

फिल्म केदारनाथ में सुशांत सिंह राजपूत के साथ सारा अली खान नजर आईं थीं, इसके बाद से ही सारा इस जगह की दीवानी हो गईं और वो अक्सर यहां जाना पसंद करती हैं. सारा अली खान को पहाड़ों पर घूमना काफी पसंद है. इसी बीच उन्होंने इंस्टाग्राम पर कुछ तस्वीरें और वीडियो शेयर किए हैं, जिनमें वो एक बार फिर केदारनाथ में नजर आ रही हैं. इस दौरान सारा ने वो वीडियो भी शेयर किया है, जिसमें उत्तराखंड का एक ढाबे वाला उन्हें गढ़वाली सिखाता हुआ नजर आ रहा है. 

सारा ने जताया आभार

सारा अली खान ने अपनी तस्वीरें और वीडियो शेयर करते हुए इंस्टाग्राम पर लिखा, 'जय श्री केदार... दुनिया की एकमात्र जगह जो पूरी तरह से जानी-पहचानी लगती है और आज भी मुझे हर बार विस्मित और हैरान कर देती है. केवल आभार, मुझे वह सब कुछ देने के लिए धन्यवाद जो मेरे पास है और मुझे वह सब कुछ बनाने के लिए जो मैं हूं'. 

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ढाबे वाले से बातचीत करती दिखीं सारा

अपनी केदारनाथ यात्रा के दौरान जब सारा अली खान एक ढाबे पर पहुंचीं तो उन्होंने वहां गढ़वाली खान-पान को लेकर भी जानकारी ली. उन्होंने जब ढाबे पर आटा गूंथते हुए शख्स से पूछा कि वो किस चीज का आटा गूंथ रहे हैं तो उसने सारा को गढ़वाली में इसका मतलब बताया. ढाबे वाले ने बताया कि इस चीज को गढ़वाली भाषा में कोदा कहते हैं और हिंदी में इसे मंडुआ कहा जाता है. इसके बाद सारा भी इसी बात को दोहराती हुई नजर आ रही हैं. 

क्या होता है कोदा?

दरअसल कोदा पहाड़ों में होने वाली एक फसल का नाम है, ये एक मोटा अनाज है, जो पोषक तत्वों से भरपूर होता है. इसका रंग आमतौर पर काला या गहरा भूरा होता है. इसका इस्तेमाल लोग आटे के तौर पर रोटी बनाने के लिए करते हैं. हिंदी में इसे मंडुए के नाम से लोग जानते हैं, वहीं बिहार और कुछ राज्यों में इसे रागी भी कहा जाता है. कोदे या मंडुए का आटा ग्लूटेन-फ्री होता है और प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन और फाइबर का एक अच्छा सोर्स है. 

इस मोटे अनाज का इस्तेमाल पहले उत्तराखंड और बिहार जैसे राज्यों के ग्रामीण इलाकों में ज्यादा होता था, लेकिन अब शहरों में भी इसका जमकर इस्तेमाल हो रहा है. इसके फायदे जानकर लोग अपनी डाइट में इसे शामिल कर रहे हैं. इससे रोटी के अलावा डोसा, केक और दलिया भी बनाया जा रहा है. यहां तक कि कई जगह इसके मोमोज भी आपको दिख जाएंगे. 

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