विज्ञापन

इस्लाम में क्यों नहीं मनाया जाता है न्यू ईयर का जश्न? जानें क्या है इसके पीछे की वजह

New Year In Islam: दुनियाभर के तमाम धर्मों में अलग-अलग मान्यताएं होती हैं, नए साल के जश्न को लेकर भी कुछ ऐसा ही है. कुछ धर्मों में नया साल 1 जनवरी को नहीं, बल्कि उनकी धार्मिक मान्यता के मुताबिक मनाया जाता है. इस्लाम में भी कुछ ऐसा ही देखा जाता है.

इस्लाम में क्यों नहीं मनाया जाता है न्यू ईयर का जश्न? जानें क्या है इसके पीछे की वजह
इस्लाम में न्यू ईयर का जश्न क्यों नहीं मनाया जाता

New Year In Islam: दुनियाभर में नए साल का जश्न मनाया जा रहा है, न्यू ईयर ईव के लिए लोग पूरी तरह से तैयार हैं और नए साल का जोरदार स्वागत करने की तैयारी है. न्यू ईयर को लेकर कई तरह की बातें होती हैं, दुनिया के तमाम धर्म इसे अपने तरीके से देखते हैं और मनाते हैं. कुछ धर्मों में नया साल 1 जनवरी को नहीं, बल्कि अपने कैलेंडर के हिसाब से मनाया जाता है. इसी तरह इस्लाम में भी नए साल के जश्न को लेकर मनाही होती है. आज हम आपको बताएंगे कि इस्लाम में क्यों न्यू ईयर सेलिब्रेशन से दूरी बनाई जाती है और इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह क्या है. 

इस्लाम में क्यों नहीं मनाया जाता नए साल का जश्न 

इस्लाम धर्म में 1 जनवरी यानी नए साल का जश्न मनाना वर्जित है. मीडियम की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस्लाम में इसे शिर्क माना गया है. शरिया के मुताबिक मुसलमानों के लिए नए साल का जश्न मनाना नाजायज है. इसके पीछे अलग-अलग तर्क दिए जाते हैं, जिनमें सबसे बड़ा तर्क इस्लामिक कैलेंडर और मुहर्रम है. 

इस्लाम में नया साल 1 जनवरी से नहीं बल्कि मुहर्रम के महीने से शुरू होता है. ये महीना आमतौर पर जून या फिर जुलाई तक आता है. यानी दोनों महीने में जब भी मुहर्रम पड़ता है, तभी से नया साल लगना माना जाता है. इस्लाम में इसे हिजरी कैलेंडर भी कहा जाता है, जो पूरी तरह से चांद पर निर्भर होता है. 

न्यू ईयर पार्टी में खाली सूटकेस लेकर आते हैं लोग, जानें क्या है इसके पीछे की वजह

ये मुस्लिम देश नहीं मनाते हैं न्यू ईयर

दुनिया के कई मुस्लिम देशों में न्यू ईयर सेलिब्रेशन नहीं होता है. इनमें सऊदी अरब, ईरान, अफगानिस्तान, इराक, बहरीन, सीरिया, यमन, सोमालिया, मालदीव जैसे देश शामिल हैं. इन देशों में ये भी माना जाता है कि न्यू ईयर को एक धार्मिक त्योहार के तौर पर सबसे पहले शुरू किया गया था, जिसके बाद दुनिया ने इसे कैलेंडर बदलने के तौर पर मनाना शुरू कर दिया. 

भारत में धूमधाम से मनाया जाता है नया साल

भारत में तमाम धर्मों के लोग एक साथ रहते हैं और यहां हर त्योहार धूमधाम से मनाने की परंपरा है. नए साल का जश्न भी इसी तरह मनाया जाता है, जिसमें लगभग सभी धर्मों के लोग शामिल होते हैं. भारत की बहुसंख्यक आबादी हिंदू है और धार्मिक मान्यता के मुताबिक 1 जनवरी को हिंदुओं का भी न्यू ईयर नहीं होता है. चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नए साल की शुरुआत मानी जाती है. हालांकि ज्यादातर लोग 1 जनवरी को ही नया साल मना लेते हैं. 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com