MP MLA Leave Process: सांसद (MP) और विधायक (MLA) दोनों ही देश के निर्वाचित प्रतिनिधि होते हैं. लेकिन क्या आपने सोचा है कि एमपी और एमएलए लीव कैसे लेते हैं. दरअसल, संसद या राज्य विधानमंडल के सत्रों के दौरान, उन्हें अपने काम से छुट्टी लेने के लिए उन्हें भी अनुमति (छुट्टी) लेनी होती है. सरकारी कर्मचारियों की तरह सांसद या विधायक को अपनी छुट्टी के लिए किसी प्रशासनिक अधिकारी को नहीं, बल्कि सीधे सदन के पीठासीन अधिकारी को अर्जी देनी होती है. चलिए जानते हैं एमपी और एमएलए को कैसे मिलती है छुट्टी.
सांसद (MP) के लिए छुट्टी की प्रोसेस
सांसदों को लोकसभा या राज्यसभा के सत्र से एबसेंट रहने के लिए अपनी अर्जी (आवेदन) सदन के सभापति (Speaker) या अध्यक्ष को देनी होती है. यह प्रक्रिया भारतीय संविधान के नियमों और सदन की प्रक्रिया एवं कार्य संचालन नियमों द्वारा शासित होती है.
किसे देनी होती है एप्लीकेशन?
लोकसभा सदस्य (MP) लोकसभा अध्यक्ष (Speaker of the Lok Sabha) को लिखित में आवेदन देना होता है. राज्यसभा सदस्य (MP) उन्हें राज्यसभा के सभापति (Chairman of the Rajya Sabha) (जो देश के उपराष्ट्रपति होते हैं) को लिखित में अर्जी देनी होती है.
छुट्टी के क्या होते हैं नियम
इन नियमों के तहत, यदि कोई सांसद लगातार 60 दिनों (दो महीने) या उससे अधिक समय के लिए सदन के सत्रों और बैठकों से अनुपस्थित रहना चाहता है, तो उसे अनिवार्य रूप से सदन की अनुमति (Leave of Absence) लेनी होती है. अर्जी को सबसे पहले 'अवकाश समिति' (Committee on Absence of Members from the Sittings of the House) द्वारा जांचा जाता है. समिति की सिफारिश पर, अध्यक्ष या सभापति इसे सदन के पटल पर रखते हैं, और सदन की सहमति से छुट्टी मंजूर की जाती है. कोई सांसद बिना अनुमति के लगातार 60 दिनों तक अनुपस्थित रहता है, तो उसका पद खाली (Vacant) घोषित किया जा सकता है.
विधायक (MLA) के लिए छुट्टी की प्रक्रिया
विधायक (राज्य विधानमंडल के सदस्य) की प्रक्रिया भी सांसदों के समान ही होती है, लेकिन यह राज्य विधानसभा के अध्यक्ष (या विधान परिषद के सभापति) द्वारा नियंत्रित होती है. विधानसभा सदस्य (MLA) को विधानसभा अध्यक्ष (Speaker of the Legislative Assembly)** को लिखित आवेदन देना होता है. MCL को विधान परिषद के सभापति (Chairman of the Legislative Council) को लिखित अर्जी देनी होती है.
छुट्टी के नियम
राज्य विधानसभाओं में भी यही नियम लागू होता है कि यदि विधायक लगातार 60 दिनों तक सदन की बैठकों से अनुपस्थित रहता है, तो उसे अध्यक्ष की अनुमति लेनी होती है. विधायक आवश्यक अनुमति प्राप्त किए बिना 60 दिन से अधिक अनुपस्थित रहता है, तो सदन संकल्प (Resolution) पारित करके उसके पद को खाली घोषित कर सकता है.
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