Fog In Winters: दिल्ली-एनसीआर में कोहरे की चादर हर किसी को डरा रही है, लोग घरों से बाहर निकलने में भी घबरा रहे हैं और इस मौसम को जमकर कोस रहे हैं. वहीं पहाड़ों में यही कोहरा लोगों के लिए किसी जन्नत से कम नहीं होता है, इसे बैकग्राउंड में लेकर लोग तस्वीरें लेते हैं और फिर सोशल मीडिया पर पोस्ट भी करते हैं. अब ऐसे में सवाल है कि पहाड़ों के कोहरे से इतना प्यार और शहर के कोहरे से इतनी नफरत क्यों है? आइए जानते हैं कि दोनों में क्या अंतर होता है और कोहरा छाने की असली वजह क्या होती है.
कैसे बनता है कोहरा?
सबसे पहले ये जान लेते हैं कि कोहरा क्या होता है और ये बनता कैसे है. जब तापमान ज्यादा गिरता है तो आसपास मौजूद नमी छोटी-छोटी बूंदों में बदल जाती है. जब हवा में मौजूद नमी वाष्पीकृत होती है तो इसे ड्यू पॉइंट या फिर ओस बिंदु कहा जाता है. यानी कोहरा एक नमीयुक्त हवा होता है. ये बेहद छोटी बूंदें एक साथ जमा होकर ऊपर उठती हैं और हवा में तैरने लगती हैं, जिससे हम लोगों को घना कोहरा नजर आता है. उत्तर भारत में सबसे ज्यादा कोहरा देखने के लिए मिलता है.
पहाड़ों का कोहरा
अब जानते हैं कि शहरों और पहाड़ों के कोहरे में क्या अंतर होता है. पहाड़ों में दिखने वाला कोहरा असल में बेहद साफ होता है, इसीलिए अक्सर ये गहरे सफेद रंग का दिखता है. यही वजह है कि लोग इन्हें जमीन के नजदीक तैरने वाले बादलों की तरह देखते हैं और ये उन्हें सुकून भी देता है. ये ज्यादा ठंड की वजह से हवा में बनने वाला वाष्प होता है और इसमें किसी भी तरह के जहरीले कण नहीं होते हैं. यानी ये कोहरा इंसानों के लिए नुकसानदायक नहीं होता है, इसे अपस्लोप फॉग भी कहा जाता है.
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शहरों का कोहरा
शहरों में, खासतौर पर दिल्ली-एनसीआर जैसे इलाकों में नजर आने वाला कोहरा पूरी तरह से कोहरा नहीं होता है. इसके साथ प्रदूषण के कई खतरनाक पार्टिकल भी मिले होते हैं, यही वजह है कि इसे स्मॉग या फिर रेडिएशन फॉग भी कहा जाता है. स्मोक और फॉग के मिलने की घटना को ही स्मॉग कहा जाता है. हवा में मौजूद प्रदूषण नमी को जमा होने में मदद करता है और इसी वजह से काफी दिनों तक स्मॉग की चादर हवा में नजर आती है. आमतौर पर ये सफेद होने की बजाय ग्रे या हल्के काले रंग का होता है.
दिल्ली-एनसीआर जैसे शहरों में PM 2.5 और PM 10 जैसे खतरनाक कण तैरते हैं, जो नमी को पूरी तरह से होल्ड कर देते हैं. इसी की वजह से विजिबिलिटी जीरो हो जाती है. ये खतरनाक स्मॉग सांस और दिल की बीमारी का कारण बन सकता है. यही वजह है कि शहरों में लोग इससे खौफ खाते हैं और परेशान रहते हैं.
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