Delhi Blast Al-Falah University: दिल्ली ब्लास्ट मामले में अब कई तरह के खुलासे हो रहे हैं, बताया जा रहा है कि कुछ संदिग्धों को एजेंसियों ने हिरासत में लिया है और पूछताछ की जा रही है. इस मामले को लेकर फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी में भी छापेमारी हो रही है. ये वही यूनिवर्सिटी है, जहां संदिग्ध डॉक्टर उमर मोहम्मद रहता था. बताया जा रहा है कि ये फरीदाबाद का वही तीसरा डॉक्टर है, जिसकी तलाश पुलिस कर रही थी. पुलिस को शक है कि यही वो कार चला रहा था, जिसमें लाल किले के बाहर ब्लास्ट हुआ, यानी उमर ही फिदायीन हमलावर हो सकता है. ऐसे में सवाल है कि वो अल-फलाह यूनिवर्सिटी में क्या पढ़ाता था और इस यूनिवर्सिटी में किस तरह की पढ़ाई होती है.
यूजीसी अप्रूव्ड है अल-फलाह यूनिवर्सिटी
अल-फलाह यूनिवर्सिटी को यूजीसी ने 2015 में मान्यता दी थी. यहां पर कई तरह के कोर्स कराए जाते हैं और एक हॉस्पिटल भी है, जो अल-फलाह यूनिवर्सिटी के मेडिकल कॉलेच का हिस्सा है. ये यूनिवर्सिटी करीब 70 एकड़ में फैली हुई है और भारत समेत कई देशों के छात्र यहां पढ़ने आते हैं. अल-फलाह यूनिवर्सिटी में डिप्लोमा, ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन और डॉक्टरेट कोर्स कराए जाते हैं. अब इसी यूनिवर्सिटी से आतंक के तार जुड़ रहे हैं.
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क्या करता था उमर?
बताया गया है कि संदिग्ध डॉक्टर उमर मोहम्मद ने इसी यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की थी और वो यहीं फिजिशियन का काम करता था. यहां वो मेडिकल के छात्रों को पढ़ाता भी था. इस डॉक्टर की तलाश पुलिस फरीदाबाद में छापेमारी के बाद कर रही थी. इस छापेमारी के दौरान डॉ. मुजम्मिल शकील को फरीदाबाद से गिरफ्तार किया गया था, जो पुलवामा का रहने वाला है. मुजम्मिल भी फरीदाबाद की इसी यूनिवर्सिटी में मेडिकल का छात्र है. इनसे भारी मात्रा में विस्फोटक और हथियार बरामद किए गए थे.
फिदायीन हमले का शक
पुलिस और जांच एजेंसियों को शक है कि डॉक्टर उमर मोहम्मद ने ही पैनिक होकर दिल्ली में हुए ब्लास्ट को अंजाम दिया. हालांकि अब तक ये साफ नहीं हो पाया है कि कार उमर ही चला रहा था. फिलहाल शव के टुकड़ों का परीक्षण किया जा रहा है और ये पता लगाने की कोशिश हो रही है कि जिस i20 कार में धमाका हुआ, उसे आखिर कौन चला रहा था.
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