किताबों की दुनिया इतनी बड़ी है कि इसे आज तक कोई भी पार नहीं कर पाया है. दुनियाभर में अलग-अलग विषयों की अरबों किताबें मौजूद हैं, किताब के शौकीन लोग अपनी पसंद की सैकड़ों किताबें खरीदते हैं और फिर उन्हें पढ़ते हैं. आमतौर पर एक किताब की कीमत 200 रुपये से लेकर पांच हजार या 10 हजार तक होती है, लेकिन क्या आपने 15 करोड़ रुपये की किताब देखी है? पटना बुक फेयर में ऐसी ही एक किताब ने सभी लोगों को आकर्षित किया, जिसकी कीमत 15 करोड़ रखी गई है और दावा है कि दुनिया में इसकी सिर्फ तीन ही कॉपी मौजूद हैं. ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि दुनिया की सबसे महंगी किताब कौन सी है और इसे किसने खरीदा था.
क्या है 15 करोड़ की किताब?
पहले बात पटना बुक फेयर में मौजूद इस करोड़ों की किताब की कर लेते हैं. इस किताब का टाइटल 'मैं' है, जिसे लेखक रत्नेश्वर ने लिखा है. किताब को लेकर लेखक का अजीब दावा है, उनका कहना है कि इस 408 पन्नो की किताब को उन्होंने महज तीन घंटे और 24 मिनट में लिख दिया. इस दौरान उन्हें आध्यात्म का अनुभव हुआ और उन्होंने ब्रह्मलोक की यात्रा की. यही वजह है कि वो अब इसे 15 करोड़ रुपये में बेच रहे हैं. हालांकि कुछ लोग इसे सिर्फ पब्लिसिटी स्टंट बता रहे हैं.
नौकरी तो जानते होंगे, लेकिन क्या होता है चाकरी का मतलब? ये रहा जवाब
दुनिया की सबसे महंगी किताब
अब अगर आप सोच रहे हैं कि ये दुनिया में किसी भी किताब का सबसे बड़ा दाम है तो आप गलत हैं. दुनिया की सबसे महंगी किताब की कीमत सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे. लियोनार्डो दा विंची की 'द कोडेक्स ऑफ लीसेस्टर' (The Codex Leicester) के नाम ये रिकॉर्ड दर्ज है. दुनिया के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में सबसे ऊपर रहने वाले बिल गेट्स ने इस किताब को साल 1994 में 30.8 मिलियन डॉलर में खरीदा था. यानी इस किताब की मौजूदा कीमत 270 करोड़ रुपये से भी ज्यादा है.
'द कोडेक्स ऑफ लीसेस्टर' एक साइंस जर्नल है, यानी इसमें विज्ञान की दुनिया से जुड़े ऐसे तथ्त हैं, जो बेहद खास हैं. चंद्रमा और जीवाश्म से जुड़े कई हैरान करने वाले फैक्ट इस किताब में खुद लियोनार्डो दा विंची ने लिखे हैं. इस किताब के अलावा दुनिया की कई ऐसी किताबें हैं, जिनकी करोड़ों रुपये में नीलामी हुई.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं