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लिपस्टिक से लेकर फेस क्रीम तक, क्या वाकई भेड़ की खाल से बनी होती हैं ये चीजें?

जिस लिपिस्टिक या फेस क्रीम का आप इस्तेमाल आप अपनी खूबसूरती बढ़ाने के लिए करती हैं, क्या वे भेड़ की खाल से बने होते हैं. ये ब्यूटी प्रोडक्ट्स आपके लिए सेफ हैं या नहीं, इनके पीछे की सच्चाई क्या है. डिटेल्स में जानिए.

लिपस्टिक से लेकर फेस क्रीम तक, क्या वाकई भेड़ की खाल से बनी होती हैं ये चीजें?
मेकअप प्रोडक्ट्स में होती है ये चीज

Beauty Products Truth: लिपिस्टिक से लेकर फेस क्रीम तक का इस्तेमाल बड़ी संख्या में महिलाएं हर दिन करती हैं. पार्टी में जाना हो या घर पर ही क्यों न रहना हो, ये ब्यूटी प्रोडक्ट्स उनकी डेली मेकअप रूटीन का हिस्सा होते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये ब्यूटी प्रोडक्ट्स कैसे बनते हैं. क्योंकि बहुत से लोगों का मानना है कि इन्हें बनाने में भेड़ की खाल का इस्तेमाल होता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि कुछ हद तक यह सही भी है.

कई कॉस्मेटिक और स्किनकेयर प्रोडक्ट्स में भेड़ की खाल से निकला एक प्राकृतिक तत्व इस्तेमाल होता है, जिसे लैनोलिन (Lanolin) कहा जाता है. ये नाम शायद आपने किसी प्रोडक्ट की इंग्रेडिएंट लिस्ट में देखा भी हो. आइए जानते हैं इसके पीछे की पूरी सच्चाई.

लैनोलिन क्या है, भेड़ की खाल से कैसे बनता है

भेड़ की ऊन में एक तरह का प्राकृतिक तेल पाया जाता है, जो उनकी त्वचा को सूखने से बचाता है. इसी तेल को भेड़ की खाल और ऊन से अलग करके साफ किया जाता है और यही लैनोलिन बनता है. यह एक वैक्स जैसा पदार्थ होता है, जो मॉइश्चराइजिंग गुणों से भरपूर होता है. कॉस्मेटिक कंपनियां इसे इसलिए इस्तेमाल करती हैं, क्योंकि यह स्किन को लंबे समय तक मुलायम और हाइड्रेटेड रखता है. यानी जो क्रीम आप ड्राई स्किन के लिए लगाते हैं, उसमें मौजूद वह चमकदार टेक्सचर शायद भेड़ की ऊन से निकला पदार्थ ही हो.

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लैनोलिन कहां-कहां इस्तेमाल होता है

एक्सपर्ट्स के अनुसार, बाजार में बिकने वाले ज्यादातर लिप बाम, फेस क्रीम, बॉडी लोशन और फाउंडेशन में लैनोलिन का इस्तेमाल किया जाता है. यह न सिर्फ स्किन को सॉफ्ट बनाता है बल्कि मेकअप को टिकाऊ भी करता है. फेस सीरम से लेकर हेयर कंडीशनर तक में लैनोलिन का इस्तेमाल आम है. अगर आपको प्रोडक्ट के इंग्रेडिएंट लिस्ट में 'Lanolin, Wool Wax, Wool Fat' जैसे शब्द दिख जाएं, तो इसका मतलब है कि उसमें यह तत्व मौजूद है.

क्या लैनोलिन के साइड इफेक्ट्स भी हैं

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, लैनोलिन हानिकारक नहीं, बल्कि एक नेचुरल मॉइश्चराइजर है. यह स्किन की नमी को बनाए रखने में मदद करता है, लेकिन जिन लोगों की स्किन बहुत सेंसिटिव होती है, उन्हें इससे एलर्जी या इरिटेशन हो सकती है. इसके अलावा, जो लोग वीगन लाइफस्टाइल अपनाते हैं या एनिमल-फ्री प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करना चाहते हैं, उनके लिए लैनोलिन एक ऐसा इंग्रेडिएंट है, जिससे बचना चाहिए. क्योंकि यह भले ही भेड़ को नुकसान पहुंचाए बिना निकाला जाता है, लेकिन इसका सोर्स एनिमल्स से जुड़ा है.

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