
भारत में रहने वाले लोगों के लिए तिरंगा एक अलग ही एहसास देता है, कहीं भी ये लहराता दिखे तो देशभक्ति की भावना जाग जाती है और गर्व महसूस होता है. हालांकि कई बार कुछ लोग गलती से तिरंगे के अपमान कर देते हैं, जिसके चलते उन्हें परेशानी भी होती है. तिरंगे को लेकर कई तरह के नियम बनाए गए हैं, जिनमें बताया गया है कि इसे कैसे फहराया जाना चाहिए और किन जगहों पर इस्तेमाल करना चाहिए. गुजरात के अहमदाबाद में चल रही एशियन एक्वाटिक्स चैंपियनशिप में ऐसा ही एक विवाद देखने को मिला है, जहां खिलाड़ियों ने अपनी स्विमिंग ट्रंक पर कमर से नीचे तिरंगा लगाया था. इसे लेकर खेल मंत्रालय ने अब जवाब मांगा है. ऐसे में आइए जानते हैं कि तिरंगे के क्या नियम हैं और इसे कहां लगाया जाना चाहिए.
स्विमिंग के लिए क्या है नियम?
क्योंकि ये विवाद एशियन एक्वाटिक्स चैंपियनशिप से जुड़ा है, ऐसे में पहले ये जान लेते हैं कि स्विमिंग के दौरान भारत का झंडा कौन सी जगह पर होना चाहिए और इसके क्या नियम हैं. दरअसल स्विमिंग करने वाले एथलीट्स अपने ट्रंक यानी अंडरवेयर पर झंडा नहीं लगा सकते हैं, ये तिरंगे का अपमान माना जाता है. इसे स्विमिंग वाली कैप पर लगाया जाना चाहिए. यानी बालों को कवर करने के लिए जो रबर की कैप पहनी जाती है, उस पर भारत का झंडा प्रदर्शित होना चाहिए.
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क्या हैं झंडे के नियम?
भारतीय ध्वज संहिता 2002 के तहत झंडे के तमाम नियम बनाए गए हैं. इन नियमों का पालन सभी को करना होता है. इनके मुताबिक कमर से नीचे पहनी जाने वाली किसी भी चीज पर भारत का झंडा नहीं लगाया जा सकता है. इसमें अंडरगारमेंट्स, नैपकिन, कुशन, बेडशीट और बाकी घर में इस्तेमाल होने वाली चीजें शामिल हैं. इसके अलावा झंडे को पानी में भिगाने से लेकर नीचे गिराने तक की मनाही है, ऐसा करने पर आपको जेल तक हो सकती है.
- किसी भी व्यक्ति या वस्तु को सलामी देने के लिए झंडा नहीं झुकाया जाएगा.
- किसी आम अंतिम संस्कारों में शव पर या ताबूत पर तिरंगा नहीं लपेटा जा सकता है.
- झंडे पर किसी भी तरह की छेड़छाड़ या फिर लिखावट भी वर्जित है.
- झंडे का प्रयोग न तो किसी प्रकार की पोशाक या वर्दी के किसी भाग के रूप में किया जाएगा और न ही इसे तकियों, रुमालों,
- नेपकिन और किसी ड्रेस सामग्री पर कढ़ाई और मुद्रित किया जाएगा.
- झंडे का इस्तेमाल न तो वक्ता की मेज को ढकने के लिए और न ही वक्ता में मंच के ऊपर लपेटने के लिए किया जाएगा.
- झंडे को वाहन, रेलगाड़ी, नाव और प्लेन के ऊपर, बगल और पीछे से ढकने के काम मे नहीं लाया जाएगा.
- झंडे को जानबूझकर केसरिया रंग को नीचे प्रदर्शित करते हुए नहीं फहराया जाएगा.
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