कथित गोरक्षकों की पिटाई के बाद अलीमुद्दीन उर्फ असगर अंसारी की मौत हो गई.
- झारखंड में तथाकथित गोरक्षकों के हाथों हुई हिंसा में एक शख़्स की मौत
- मामले में आरोपी 8 अन्य के ख़िलाफ़ भी पुलिस ने गिरफ़्तारी वारंट जारी किया
- मामले में 12 लोगों के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की गई है.
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नई दिल्ली:
झारखंड के रामगढ़ में तथाकथित गोरक्षकों के हाथों हुई हिंसा में एक शख़्स के मारे जाने के बाद मामले में अबतक एक गिरफ़्तारी की गई है. वहीं, मामले में आरोपी 8 अन्य के ख़िलाफ़ भी पुलिस ने गिरफ़्तारी वारंट जारी किया है. मामले में 12 लोगों के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की गई है. इलाक़े में धारा 144 लागू है. फ़िलहाल स्थिति सामान्य है. वहीं सीएम रघुवर दास ने रामगढ़ और गिरिडीह मामले की त्वरित जांच के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही सीएम ने शुक्रवार को देवघर में ये ऐलान किया है कि बीफ़ से जुड़ी किसी मामले के सामने आने पर स्थानीय पुलिस स्टेशन के एसएचओ को सस्पेंड कर दिया जाएगा.
तनाव अभी भी बरक़रार है. धारा 144 लागू है. पुलिस ने 12 लोगों के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की है. सरकार ने मृतक के परिजनों को 2 लाख का मुआवज़ा देने का एलान किया है, हालांकि परिवार इससे नाख़ुश है.
उधर, पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी है. पोस्टमार्टम के बाद परिवार ने पहले शव लेने से इनकार कर दिया था, लेकिन बाद में वे मान गए हालांकि इस खबर का एक और पहलू सामने आ रहा है. मृतक और आरोपी दोनों एक-दूसरे को पहले से जानते थे. ऐसे में ये मामला आपसी रंजिश का भी हो सकता है.
रामगढ़ के एसपी किशोर कौशल का कहना है कि कुछ गिरफ्तारियां भी हुई हैं. कुछ नामज़द लोगों की गिरफ्तारियां भी हुई हैं. हत्या के बाद इलाके में कड़े सुरक्षा इंतज़ाम किए गए हैं. अभी शहर में स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है.
उल्लेखनीय है कि अलीमुद्दीन उर्फ असगर अंसारी एक मारुति वैन में मांस ले जा रहा था. तभी किसी ने अफवाह फैला दी कि वैन में बीफ है. लोगों के एक समूह ने बाजरटांड गांव में असगर को रोका और उस पर बेरहमी से हमला कर दिया उसकी वैन में आग लगा दी. पुलिस ने उसे भीड़ से बचाया और अस्पताल में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
इससे पहले गुरुवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने भीड़ की हिंसा को गलत ठहराते हुए गुजरात में कहा था कि गोरक्षा के नाम पर हिंसा क्यों? मौजूदा हालातों पर पीड़ा होती है. गाय की सेवा ही गाय की भक्ति है. गोरक्षा के नाम पर हिंसा ठीक नहीं है. देश को अहिंसा के रास्ते पर चलना होगा. गोभक्ति के नाम पर लोगों हत्या स्वीकार नहीं की जाएगी. अगर वह इंसान गलत है तो कानून अपना काम करेगा, किसी को भी कानून हाथ में लेने की जरूरत नहीं है. हिंसा समस्या का समाधान नहीं है.
तनाव अभी भी बरक़रार है. धारा 144 लागू है. पुलिस ने 12 लोगों के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की है. सरकार ने मृतक के परिजनों को 2 लाख का मुआवज़ा देने का एलान किया है, हालांकि परिवार इससे नाख़ुश है.
उधर, पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी है. पोस्टमार्टम के बाद परिवार ने पहले शव लेने से इनकार कर दिया था, लेकिन बाद में वे मान गए हालांकि इस खबर का एक और पहलू सामने आ रहा है. मृतक और आरोपी दोनों एक-दूसरे को पहले से जानते थे. ऐसे में ये मामला आपसी रंजिश का भी हो सकता है.
रामगढ़ के एसपी किशोर कौशल का कहना है कि कुछ गिरफ्तारियां भी हुई हैं. कुछ नामज़द लोगों की गिरफ्तारियां भी हुई हैं. हत्या के बाद इलाके में कड़े सुरक्षा इंतज़ाम किए गए हैं. अभी शहर में स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है.
उल्लेखनीय है कि अलीमुद्दीन उर्फ असगर अंसारी एक मारुति वैन में मांस ले जा रहा था. तभी किसी ने अफवाह फैला दी कि वैन में बीफ है. लोगों के एक समूह ने बाजरटांड गांव में असगर को रोका और उस पर बेरहमी से हमला कर दिया उसकी वैन में आग लगा दी. पुलिस ने उसे भीड़ से बचाया और अस्पताल में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
इससे पहले गुरुवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने भीड़ की हिंसा को गलत ठहराते हुए गुजरात में कहा था कि गोरक्षा के नाम पर हिंसा क्यों? मौजूदा हालातों पर पीड़ा होती है. गाय की सेवा ही गाय की भक्ति है. गोरक्षा के नाम पर हिंसा ठीक नहीं है. देश को अहिंसा के रास्ते पर चलना होगा. गोभक्ति के नाम पर लोगों हत्या स्वीकार नहीं की जाएगी. अगर वह इंसान गलत है तो कानून अपना काम करेगा, किसी को भी कानून हाथ में लेने की जरूरत नहीं है. हिंसा समस्या का समाधान नहीं है.
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