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दिल्ली में चंपई और रांची तक सस्पेंस, झारखंड में पर्दे के आगे-पीछे का सीन समझिए

झारखंड एनडीए के कई दिग्गज नेता दिल्ली में हैं. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, आजसू पार्टी के प्रमुख सुदेश महतो दिल्ली में कैंप कर रहे हैं. हालांकि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी रांची में ही हैं.

दिल्ली में चंपई और रांची तक सस्पेंस, झारखंड में पर्दे के आगे-पीछे का सीन समझिए
नई दिल्ली:

झारखंड में पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन (Former Chief Minister Champai Soren) के सियासी दांव से दिल्ली से रांची तक सस्पेंस हाई है. झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) से नाराज चंपई का अगला कदम क्या होगा, इस पर तमाम तरह की अटकलें हैं. सोमवार को चंपई सोरेन दिल्ली में पहुंच गए. इससे सस्पेंस और गहरा गया. झारखंड से दूसरे नेता भी दिल्ली पहुंचे हैं. इनमें  बीजेपी नेता अर्जुन मुंडा, आजसू अध्‍यक्ष सुदेश महतो शामिल हैं. सुदेश महतो शाम में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे. प्रदेश की इस सियासी उठापठक में गौर करने वाली बात यह है कि सीन से झारखंड बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी गायब हैं. सियासी गलियारों में चर्चा इसकी भी खूब है.
  
झारखंड में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं
असम के मुख्यमंत्री और भाजपा झारखंड प्रभारी हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, "चंपई सोरेन के सामने 3 रास्ते हैं, वो अभी दिल्ली में हैं, उनके साथ बातचीत का रास्ता खुला है आगे जाकर क्या होता है देखते हैं. अगर सितंबर के पहले वे (हेमंत सोरेन) 5 लाख नौकरी देते हैं, तो हम उनके साथ हैं. अगर घुसपैठियों के खिलाफ वो खड़े होते हैं तो हम उनके साथ हैं. अगर मुहर्रम के समय हिंदुओं के साथ होने वाले व्यवहार के खिलाफ अगर वे खड़े हैं, तो हम उनके साथ हैं. हमारे लिए राष्ट्र प्रथम है. JMM हमारा समर्थन करे, हम भी JMM का समर्थन करते हैं. हमें घुसपैठियों को झारखंड से बाहर निकालना है." हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, "मैं चाहता हूं कि चंपई सोरेन भाजपा में आएं और हमें ताकत दें, लेकिन वो बड़े नेता हैं, उनके बारे में टिप्पणी करना मुझे ठीक नहीं लगता. मैं तो चाहता हूं कि हेमंत सोरेन भी भाजपा में आएं. भाजपा का मतलब है राष्ट्रभक्ति. झारखंड में घुसपैठियों को रोकने के लिए हम हेमंत सोरेन जी से बात करने के लिए भी तैयार हैं. हमें झारखंड को बचाना है. 

हेमंत से चंपई सोरेन ने अपनी राहें कर ली अलग 
झामुमो से नाराज चल रहे झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने अपनी राहें अलग कर ली है. बीते दिनों उन्होंने कहा है कि वह राजनीति से संन्यास नहीं लेंगे. अपने हजारों समर्थकों से मुलाकात और बातचीत के बाद उन्होंने तय किया है कि वो या तो अपना नया राजनीतिक संगठन बनाएंगे या फिर रास्ते में कोई अच्छा दोस्त मिल जाए, तो उसके साथ चल पड़ेंगे. वह अपनी बात पर कायम हैं. अब उनका रास्ता अलग होगा. चंपई सोरेन ने अपने सियासी कदम से राज्य की राजनीति को बदलने का मन बना लिया है. इसी सिलसिले में उन्होंने झारखंड के सरायकेला का दौरा किया और इस दौरान अपने आगामी राजनीति कदम का संकेत दिया. चंपई सोरेन ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा, "मैं नया अध्याय शुरू करने जा रहा हूं, आप सभी के प्रेम ने हमारे मन को और ज्यादा मजबूत कर दिया है. कुछ दिनों में हम संगठन बनाने जा रहे हैं. एक नए दोस्त के साथ आगे बढ़ेंगे. हम सब मिलकर झारखंड को संवारने और सजाने का काम करेंगे. हमारा प्रयास रहेगा कि झारखंड के सभी परिवार को सम्मान मिले."

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