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बसवराजू के बाद एक और बड़ा नक्सली ढेर, झारखंड में 10 लाख रुपये का इनामी पप्पू लोहारा मारा गया

सूत्रों के मुताबिक, सुरक्षा बलों की कार्रवाई में पप्पू लोहारा की मौत के साथ ही नक्सली गुट का एक अन्य सदस्य घायल हुआ है, जिसे गिरफ्तार कर लिया गया है.

झारखंड में 10 लाख का इनामी नक्सली ढेर.

झारखंड में सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के खिलाफ बड़ी सफलता हासिल की है. सूत्रों के मुताबिक, लातेहार में सुरक्षा बलों ने एक वरिष्ठ माओवादी नेता को मार गिराया है. ये कार्रवाई छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में बड़े  माओवादी नेता नंबाला केशव राव उर्फ ​​बसवराजू के एनकाउंटर के दो दिनों बाद की गई है. मारे गए नक्सली पप्पू लोहारा (Jharkhand Maoist Pappu Lohara Killed) पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित था. वह झारखंड जन मुक्ति परिषद का नेता था, जो एक विद्रोही माओवादी संगठन है. उसके साथ ही सुरक्षा बलों ने उसके सहयोगी प्रभात गंझू को भी ढेर कर दिया. गंझू पर 5 लाख रुपये का इनाम घोषित था. 

लातेहार एसपी कुमार गौरव को गुप्त सूचना मिली थी कि झारखंड जन मुक्ति परिषद के सुप्रीमो पप्पू लोहरा सदर थाना क्षेत्र के सालईया जंगल में किसी बड़ी घटना को अंजाम देने को लेकर प्लानिंग कर रहा है. सूचना के बाद पुलिस की टीम गठित की गई और सैट पुलिस और जिला पुलिस के नेतृत्व में सलईया जंगल मे सर्च अभियान चलाया गया. पुलिस को देखकर नक्सलियों ने गोलीबारी शुरू कर दी. पुलिस ने भी जवाबी करवाई में गोलियां चलानी शुरू कर दी. पुलिस के साथ मुठभेड़ शुरू हो गई. इस मुठभेड़ में जेजेएमपी सुप्रीमो पप्पू लोहरा और प्रभात लोहरा मारा गया. मुठभेड़ खत्म होने के बाद सर्च अभियान जारी है. डीआईजी वाई एस रमेश घटना स्थल पर पहुंच गए हैं. पुलिस के बड़े अधिकारी के आने की प्रतीक्षा की जा रही है.

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बसवराजू के बाद एक और बड़ा नक्सली ढेर

सूत्रों के मुताबिक, सुरक्षा बलों की इस कार्रवाई में नक्सली गुट का एक अन्य सदस्य घायल हुआ है, जिसे गिरफ्तार कर लिया गया है. उसके पास से एक इंसास राइफल बरामद की गई है. बता दें कि ये मुठभेड़ छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में बसवराजू के मारे जाने के तीन दिन बाद हुई है. बसवराजू नारायणपुर-बीजापुर बॉर्डर पर 50 घंटे से अधिक समय तक चली मुठभेड़ में मारे गए 27 माओवादियों में शामिल था. 

बसवराजू पर था 1.5 करोड़ का इनाम

बसवराजू पर 1.5 करोड़ रुपये का इनाम घोषित था. वह प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) का महासचिव था.उसने गणपति के बाद यह जिम्मेदारी संभाली थी. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की पुलिस लंबे समय से उसकी तलाश कर रही थीं.

अमित शाह ने की थी सुरक्षा बलों की सराहना

बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मार्च 2026 तक माओवादियों को खत्म करने की कसम खाई है. उन्होंने इस मुठभेड़ को "नक्सलवाद को खत्म करने की लड़ाई में एक ऐतिहासिक उपलब्धि" बताया. एक्स पर एक पोस्ट लिख उन्होंने कहा कि नक्सलवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई के तीन दशकों में यह पहली बार है कि एक महासचिव रैंक के नेता को हमारे बलों ने मार गिराया है. 

सुरक्षा बलों के साहस की तारीफ करते हुए शाह ने कहा कि "ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट" के पूरा होने के बाद से, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और महाराष्ट्र में 54 माओवादियों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं 84 अन्य ने आत्मसमर्पण किया है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार 31 मार्च 2026 से पहले नक्सलवाद को खत्म करने के लिए संकल्पबद्ध है.
 

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