प्रवीण कुमार का वनडे इकोनॉमी रेट भी गजब का है (फाइल फोटो : BCCI)
गुजरात लॉयन्स की दिल्ली डेयरडेविल्स पर रोमांचक जीत में मीडियम पेसर प्रवीण कुमार की धारदार गेंदबाजी का अहम योगदान रहा। हालांकि वह पूरे मैच में एक भी विकेट नहीं ले पाए, लेकिन दिल्ली के बल्लेबाजों के लिए उनकी गेंदों पर रन बनाना बेहद मुश्किल रहा। ऐसा नहीं है कि कुमार ने पहली बार ऐसा किया है। इंटरनेशनल लेवल पर भी उनका प्रदर्शन खास रहा है और एक समय वह कप्तान धोनी के मुख्य अस्त्र थे। वनडे का उनका इकोनॉमी रेट तो 5 से थोड़ा ही ऊपर है। उनकी खासियत ही कसी हुई गेंदबाजी है।
ताबड़तोड़ बैटिंग कर रहे मॉरिस भी नहीं मार पाए
प्रवीण कुमार जब अंतिम ओवरों में गेंदबाजी करने आए, उस समय दिल्ली के क्रिस मॉरिस रौद्र रूप धारण किए हुए थे और तड़ातड़ छक्के लगा रहे थे। 19वें ओवर से पहले मॉरिस 24 गेंदों में 69 रन बना चुके थे, जिसमें 8 छक्के और 3 चौके शामिल थे। पहली गेंद तो नेगी ने खेली और कोई रन नहीं ले पाए, इसके बाद अगली गेंद पर सिंगल लिया। बची हुई चार गेंदों में से तीन मॉरिस ने खेली, लेकिन छक्का, तो दूर चौका भी नहीं लगा पाए और मात्र 2 रन लिए।
4 ओवर में सिर्फ 13 रन
प्रवीण कुमार ने भी किफायती गेंदबाजी करते हुए चार ओवर में सिर्फ 13 रन दिए। गुजरात लॉयन्स का कोई भी बल्लेबाज उनके सामने खुलकर नहीं खेल सका। उनका इकोनॉमी रेट 3.25 रहा, जो टी-20 के लिहाज से अति उत्तम कहा जाएगा।
इस आईपीएल में प्रवीण ने 6 मैच खेले हैं, जिनमें 18 ओवर करके 127 रन खर्च किए हैं। हालांकि उन्हें उन्हें कोई भी विकेट नहीं मिला है, लेकिन इकोनॉमी रेट 7.05 का रहा, जो ठीकठाक कहा जाएगा।
3.5 करोड़ लगी थी बोली
विकेट के दोनों ओर गेंद स्विंग कराने वाले मेरठ के तेज गेंदबाज प्रवीण कुमार ने टीम इंडिया के लिए अपना आखिरी मैच टी-20 के रूप में मार्च 2012 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेला था। राष्ट्रीय चयनकर्ताओं ने तो उन्हें भुला दिया, लेकिन आईपीएल में उनकी मांग बनी रही। उत्तरप्रदेश के इस गेंदबाज की बेस प्राइस 50 लाख रुपये थी लेकिन उनकी गेंदबाजी प्रतिभा को परखते हुए सुरेश रैना की टीम गुजरात लॉयन्स ने उन्हें 3.5 करोड़ रुपए में खरीदा।
वनडे में भी परफेक्ट
प्रवीण कुमार ने टीम इंडिया के लिए 68 वनडे खेले हैं, जिनमें 77 विकेट लिए हैं और उनकी रन खर्च करने की दर 5.13 रही है, जबकि टी-20 में उन्होंने 10 मैच ही खेले हैं और 8 विकेट लेकर 193 रन खर्च किए हैं। इस प्रकार उनका इकोनॉमी रेट 7.42 रहा।
ताबड़तोड़ बैटिंग कर रहे मॉरिस भी नहीं मार पाए
प्रवीण कुमार जब अंतिम ओवरों में गेंदबाजी करने आए, उस समय दिल्ली के क्रिस मॉरिस रौद्र रूप धारण किए हुए थे और तड़ातड़ छक्के लगा रहे थे। 19वें ओवर से पहले मॉरिस 24 गेंदों में 69 रन बना चुके थे, जिसमें 8 छक्के और 3 चौके शामिल थे। पहली गेंद तो नेगी ने खेली और कोई रन नहीं ले पाए, इसके बाद अगली गेंद पर सिंगल लिया। बची हुई चार गेंदों में से तीन मॉरिस ने खेली, लेकिन छक्का, तो दूर चौका भी नहीं लगा पाए और मात्र 2 रन लिए।
4 ओवर में सिर्फ 13 रन
प्रवीण कुमार ने भी किफायती गेंदबाजी करते हुए चार ओवर में सिर्फ 13 रन दिए। गुजरात लॉयन्स का कोई भी बल्लेबाज उनके सामने खुलकर नहीं खेल सका। उनका इकोनॉमी रेट 3.25 रहा, जो टी-20 के लिहाज से अति उत्तम कहा जाएगा।
इस आईपीएल में प्रवीण ने 6 मैच खेले हैं, जिनमें 18 ओवर करके 127 रन खर्च किए हैं। हालांकि उन्हें उन्हें कोई भी विकेट नहीं मिला है, लेकिन इकोनॉमी रेट 7.05 का रहा, जो ठीकठाक कहा जाएगा।
3.5 करोड़ लगी थी बोली
विकेट के दोनों ओर गेंद स्विंग कराने वाले मेरठ के तेज गेंदबाज प्रवीण कुमार ने टीम इंडिया के लिए अपना आखिरी मैच टी-20 के रूप में मार्च 2012 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेला था। राष्ट्रीय चयनकर्ताओं ने तो उन्हें भुला दिया, लेकिन आईपीएल में उनकी मांग बनी रही। उत्तरप्रदेश के इस गेंदबाज की बेस प्राइस 50 लाख रुपये थी लेकिन उनकी गेंदबाजी प्रतिभा को परखते हुए सुरेश रैना की टीम गुजरात लॉयन्स ने उन्हें 3.5 करोड़ रुपए में खरीदा।
वनडे में भी परफेक्ट
प्रवीण कुमार ने टीम इंडिया के लिए 68 वनडे खेले हैं, जिनमें 77 विकेट लिए हैं और उनकी रन खर्च करने की दर 5.13 रही है, जबकि टी-20 में उन्होंने 10 मैच ही खेले हैं और 8 विकेट लेकर 193 रन खर्च किए हैं। इस प्रकार उनका इकोनॉमी रेट 7.42 रहा।
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