आईपीएल चेयरमैन राजीव शुक्ला
नई दिल्ली:
आईपीएल के मैच महाराष्ट्र के बाहर शिफ़्ट होंगे। 30 अप्रेल के बाद ये मैच महाराष्ट्र में नहीं खेले जाएंगे, वजह महाराष्ट्र में सूखे की दिक्कत और इन मैचों में इस्तेमाल होने वाला करीब 50-60 लाख लीटर पानी। एक दिन में करीब 20 हज़ार लीटर पानी का इस्तेमाल इन मैचों के दौरान होता है। इस तरह की रिपोर्ट सौंपी गई है।
जहां बीसीसीआई की तरफ़ से इस पर कड़ी प्रतिक्रियाएं आ रही है और उनका मानना है कि आईपीएल हो या फिर खासतौर पर क्रिकेट वो एक सॉफ़्ट टारगेट बन गया है और लोग इसको लेकर माइलेज पाना चाहते हैं और खबरों में आने का उन्हें मौका मिलता है। उनका कहना है कि इस तरह राज्य में बाकी जिन चीज़ों में भी पानी का इस्तेमाल या पानी को वेस्ट किया जा रहा है उन पर भी कदम उठाना चाहिए और रोक लगानी चाहिए।
वहीं, फ़्रेंचाइज़ी की बात करें तो पंजाब की फ़्रेंचाइज़ी के को-ओनर नेस वाडिया इस फ़ैसले का समर्थन करते हैं जिनकी टीम को नागपुर में 3 मैच खेलने थे, लेकिन अब हो सकता है कि वो तीनों मैच मोहाली में ही खेले जाएं।
अनुराग ठाकुर, सचिव, बीसीसीआई
ठाकुर का कहना है कि हम पीने के पानी का इस्तेमाल नहीं कर रहे, हमने कहा कि हम सीवेज ट्रीटेड पानी का इस्तेमाल करेंगे। कितने 5 सितारा होटलों के स्विमिंग पूल पर रोक लगाई गई है? कितने लोगो ने अपने लॉन में पानी देना बंद कर दिया? हर मुद्दे पर आज कल नकारात्मक्ता फैलाने का चलन हो गया है। IPL सिर्फ़ 0.00038 फ़ीसदी पानी का इस्तेमाल करता है। मतलब कितने पानी की ज़रूरत है आप खुद समझ लीजिए।
राजीव शुक्ला, चेयरमैन, आईपीएल
शुक्ला का कहना है कि बड़ा सवाल ये है कि किसी ने टी-20 वर्ल्ड कप के 24 मैचों के दौरान इस मुद्दे को नहीं उठाया, पिछले 6 महीने में किसी को इस मुद्दे की याद नहीं आई। मैं ये भी बताना चाहूंगा कि बहुत से और भी खेल हैं। सांस्कृतिक कार्यक्रम हैं जो महाराष्ट्र में हो रहे हैं, जिनमें पानी का इस्तेमाल होता है। उन पर भी रोक लगाने से मदद मिलेगी। चीनी मिलों पर और गोल्फ़ कोर्स पर भी पानी के इस्तेमाल को लेकर रोक लगानी चाहिए।
सिर्फ़ ये ही नहीं किसी तरह का कन्सट्रक्शन भी रोक देना चाहिए, गोल्फ़ कोर्स में बहुत पानी इस्तेमाल होता है। अभी तक उनके खिलाफ़ कुछ नहीं हुआ।
लेकिन आईपीएल से जुड़ा एक व्यक्ति बेहद खुश है, किंग्स इलेवन टीम के को-ओनर नेस वाडिया। उन्होंने एनडीटीवी से खास बातचीत में कहा कि वो खुश हैं कि सूखाग्रस्त इलाकों के लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखकर फ़ैसला लिया गया।
जहां बीसीसीआई की तरफ़ से इस पर कड़ी प्रतिक्रियाएं आ रही है और उनका मानना है कि आईपीएल हो या फिर खासतौर पर क्रिकेट वो एक सॉफ़्ट टारगेट बन गया है और लोग इसको लेकर माइलेज पाना चाहते हैं और खबरों में आने का उन्हें मौका मिलता है। उनका कहना है कि इस तरह राज्य में बाकी जिन चीज़ों में भी पानी का इस्तेमाल या पानी को वेस्ट किया जा रहा है उन पर भी कदम उठाना चाहिए और रोक लगानी चाहिए।
वहीं, फ़्रेंचाइज़ी की बात करें तो पंजाब की फ़्रेंचाइज़ी के को-ओनर नेस वाडिया इस फ़ैसले का समर्थन करते हैं जिनकी टीम को नागपुर में 3 मैच खेलने थे, लेकिन अब हो सकता है कि वो तीनों मैच मोहाली में ही खेले जाएं।
अनुराग ठाकुर, सचिव, बीसीसीआई
ठाकुर का कहना है कि हम पीने के पानी का इस्तेमाल नहीं कर रहे, हमने कहा कि हम सीवेज ट्रीटेड पानी का इस्तेमाल करेंगे। कितने 5 सितारा होटलों के स्विमिंग पूल पर रोक लगाई गई है? कितने लोगो ने अपने लॉन में पानी देना बंद कर दिया? हर मुद्दे पर आज कल नकारात्मक्ता फैलाने का चलन हो गया है। IPL सिर्फ़ 0.00038 फ़ीसदी पानी का इस्तेमाल करता है। मतलब कितने पानी की ज़रूरत है आप खुद समझ लीजिए।
राजीव शुक्ला, चेयरमैन, आईपीएल
शुक्ला का कहना है कि बड़ा सवाल ये है कि किसी ने टी-20 वर्ल्ड कप के 24 मैचों के दौरान इस मुद्दे को नहीं उठाया, पिछले 6 महीने में किसी को इस मुद्दे की याद नहीं आई। मैं ये भी बताना चाहूंगा कि बहुत से और भी खेल हैं। सांस्कृतिक कार्यक्रम हैं जो महाराष्ट्र में हो रहे हैं, जिनमें पानी का इस्तेमाल होता है। उन पर भी रोक लगाने से मदद मिलेगी। चीनी मिलों पर और गोल्फ़ कोर्स पर भी पानी के इस्तेमाल को लेकर रोक लगानी चाहिए।
सिर्फ़ ये ही नहीं किसी तरह का कन्सट्रक्शन भी रोक देना चाहिए, गोल्फ़ कोर्स में बहुत पानी इस्तेमाल होता है। अभी तक उनके खिलाफ़ कुछ नहीं हुआ।
लेकिन आईपीएल से जुड़ा एक व्यक्ति बेहद खुश है, किंग्स इलेवन टीम के को-ओनर नेस वाडिया। उन्होंने एनडीटीवी से खास बातचीत में कहा कि वो खुश हैं कि सूखाग्रस्त इलाकों के लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखकर फ़ैसला लिया गया।
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