नई दिल्ली:
दिल्ली डेयरडेविल्स की प्लेऑफ़ में जाने की उम्मीद लगभग ख़त्म हो चुकी है लेकिन सनराइज़र्स हैदराबाद को एक जीत प्लेऑफ़ में जगह पक्की कर सकती है. अपने पिछले मैच में पंजाब के ख़िलाफ़ दिल्ली 67 रन पर ऑल आउट हो गई. टीम के मेंटॉर राहुल द्रविड़ ने हार के लिए बल्लेबाज़ों को ज़िम्मेदार ठहराया. सीज़न 10 में दिल्ली के प्रदर्शन पर नज़र डाले तो गेंदबाज़ों ने अपना रोल बखूबी निभाया है लेकिन बल्लेबाज़ों ने निराश किया है. चाहे वो करुण नायर हो या फिर श्रेयश अय्यर. ऋषभ पंत कुछ एक पारी में प्रभाव छोड़ने में सफल रहे हैं लेकिन लगातार अच्छा प्रदर्शन करने के नाम पर दिल्ली के दिलेर फ़्लॉप रहे हैं. वैसे भारतीय घरेलू T20 टूर्नामेंट में दिल्ली का सफ़र पिछले कुछ सीज़न अच्छा नहीं रहा है.
आईपीएल में दिल्ली का अब तक का सफ़र...
- 2008 सेमीफ़ाइनल
- 2009 सेमीफ़ाइनल
- 2010 5वें नंबर पर
- 2011 आख़िरी स्थान पर
- 2012 प्ले ऑफ़ में पहुंची
- 2013 9वें स्थान पर
- 2014 आख़िरी स्थान पर
- 2015 7वें स्थान पर
- 2016 छठे स्थान पर
ऐसे में हैदराबाद के ख़िलाफ़ टीम को दिलेरी के साथ खेलना होगा और आने वाले सीज़न को नज़र में रखते हुए सही टीम कॉम्बिनेशन बनाने की कोशिश अभी से शुरू करनी होगी. दूसरी तरफ़ डिफ़ेंडिंग चैंपियन हैदराबाद के लिए सब कुछ ठीक रहा है. टीम के बल्लेबाज़ दमदार दिखे हैं तो गेंदबाज़ भी रंग में नज़र आए हैं. कप्तान डेविड वॉर्नर (459 रन) कोलकाता के ख़िलाफ़ तूफ़ानी शतक लगाकर विरोधियों को चेतावनी दे चुके हैं. तो शिखर धवन (341 रन), केन विलियम्सन (204 रन) और मोज़ेज़ हेनरिकेज़ (200 रन) लय में दिखे हैं. वहीं भुवनेश्वर कुमार (20 विकेट) और राशिद ख़ान (12 विकेट) का तोड़ ढूढने में बल्लेबाज़ नाकाम रहे हैं. वॉर्नर ने 459 रन के साथ ऑरेंज कैप पर क़ब्ज़ा किया है तो भुवनेश्वर ने 20 विकेट लेकर पर्पल कैप अपने पास रखा है. जिस टीम में ऑरेंज कैप और पर्पल कैप खिलाड़ी हों तो वैसे ही विरोधियों को सावधान रहने की ज़रूरत है. हालांकि दिल्ली के लिए राहत की बात है कि उसे अपने 6 मैचों में से 5 मैच घर में खेलने हैं. ऐसे में वो कोटला की धीमी ट्रैक कुछ कमाल कर सकती है.
आईपीएल में दिल्ली का अब तक का सफ़र...
- 2008 सेमीफ़ाइनल
- 2009 सेमीफ़ाइनल
- 2010 5वें नंबर पर
- 2011 आख़िरी स्थान पर
- 2012 प्ले ऑफ़ में पहुंची
- 2013 9वें स्थान पर
- 2014 आख़िरी स्थान पर
- 2015 7वें स्थान पर
- 2016 छठे स्थान पर
ऐसे में हैदराबाद के ख़िलाफ़ टीम को दिलेरी के साथ खेलना होगा और आने वाले सीज़न को नज़र में रखते हुए सही टीम कॉम्बिनेशन बनाने की कोशिश अभी से शुरू करनी होगी. दूसरी तरफ़ डिफ़ेंडिंग चैंपियन हैदराबाद के लिए सब कुछ ठीक रहा है. टीम के बल्लेबाज़ दमदार दिखे हैं तो गेंदबाज़ भी रंग में नज़र आए हैं. कप्तान डेविड वॉर्नर (459 रन) कोलकाता के ख़िलाफ़ तूफ़ानी शतक लगाकर विरोधियों को चेतावनी दे चुके हैं. तो शिखर धवन (341 रन), केन विलियम्सन (204 रन) और मोज़ेज़ हेनरिकेज़ (200 रन) लय में दिखे हैं. वहीं भुवनेश्वर कुमार (20 विकेट) और राशिद ख़ान (12 विकेट) का तोड़ ढूढने में बल्लेबाज़ नाकाम रहे हैं. वॉर्नर ने 459 रन के साथ ऑरेंज कैप पर क़ब्ज़ा किया है तो भुवनेश्वर ने 20 विकेट लेकर पर्पल कैप अपने पास रखा है. जिस टीम में ऑरेंज कैप और पर्पल कैप खिलाड़ी हों तो वैसे ही विरोधियों को सावधान रहने की ज़रूरत है. हालांकि दिल्ली के लिए राहत की बात है कि उसे अपने 6 मैचों में से 5 मैच घर में खेलने हैं. ऐसे में वो कोटला की धीमी ट्रैक कुछ कमाल कर सकती है.
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