प्रतीकात्मक चित्र
इंदौर:
इंदौर के शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (एमवायएच) में नर्स की कथित लापरवाही के चलते बिस्तर से नीचे गिरकर तीन दिन के बच्चे की दर्दनाक मौत के खुलासे के बाद अस्पताल प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है। लेकिन वह अब तक आरोपी नर्स की पहचान नहीं कर सका है।
एमवायएच के अधीक्षक डॉ एडी भटनागर ने रविवार को बताया, 'हम जांच कर रहे हैं कि नवजात की मौत किन हालात में हुई। बच्चे के परिजन ने आरोप लगाया है अस्पताल की एक नर्स ने बड़ी लापरवाही से 17 दिसंबर को उस बिस्तर की चादर खींच दी, जिस पर दो दिन का बच्चा लेटा था। कथित रूप से जमीन पर गिरने के बाद बच्चा घायल हो गया। इलाज के दौरान अगले दिन 18 दिसंबर को उसकी मौत हो गई।'
उन्होंने बताया, शुरुआती पूछताछ में हमें पता चला है कि बिस्तर तैयार करते वक्त इसकी चादर बीएससी (नर्सिंग) पाठ्यक्रम की एक छात्रा ने खींची थी, जिससे यह हादसा हुआ। हम घटना के वक्त ड्यूटी पर तैनात नर्सिंग स्टाफ को कारण बताओ नोटिस जारी कर रहे हैं, ताकि इस छात्रा की पहचान हो सके। भटनागर ने कहा कि अस्पताल में मरीजों का बिस्तर तैयार करना नर्सिंग पाठ्यक्रम का हिस्सा होता है।
उन्होंने बताया कि एमवायएच में जिस नवजात की मौत हुई, उसका जन्म इसी अस्पताल में 15 दिसंबर को हुआ था। उसका परिवार मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले का रहने वाला है। घटना के वक्त बच्चा और उसकी मां अलग-अलग वॉर्ड में भर्ती थे, क्योंकि प्रसूता की तबीयत ठीक नहीं थी और उसका इलाज किया जा रहा था।
एमवायएच प्रशासन की ओर से नवजात के शव का पोस्टमॉर्टम कराये बगैर इसे उसके परिजन को सौंप देने के बारे में पूछे जाने पर भटनागर ने कहा, बच्चे के परिजन ने हमें लिखकर दिया था कि वे इस मामले में पुलिस में रिपोर्ट दर्ज नहीं कराना चाहते। इसके बाद हमने उन्हें बच्चे का शव सौंप दिया।
इस बीच, एमवायएच की पुलिस चौकी पर तैनात प्रधान आरक्षक शरद कुमार ने बताया, हमें नवजात की मौत के मामले की जानकारी अखबारों से मिली है। हमें इस मामले में एमवायएच प्रशासन की ओर से कोई भी लिखित या मौखिक सूचना नहीं मिली है। मामले में हमें नवजात के परिजन की ओर से भी कोई शिकायत नहीं मिली है। उन्होंने कहा, हमें पता चला है कि नवजात बच्चे के परिजन उसके शव को दफनाकर इसका अंतिम संस्कार कर चुके हैं। ऐसे में किसी उचित शिकायत या आदेश के बगैर हम मामले में कोई कदम नहीं उठा सकते।
एमवायएच के अधीक्षक डॉ एडी भटनागर ने रविवार को बताया, 'हम जांच कर रहे हैं कि नवजात की मौत किन हालात में हुई। बच्चे के परिजन ने आरोप लगाया है अस्पताल की एक नर्स ने बड़ी लापरवाही से 17 दिसंबर को उस बिस्तर की चादर खींच दी, जिस पर दो दिन का बच्चा लेटा था। कथित रूप से जमीन पर गिरने के बाद बच्चा घायल हो गया। इलाज के दौरान अगले दिन 18 दिसंबर को उसकी मौत हो गई।'
उन्होंने बताया, शुरुआती पूछताछ में हमें पता चला है कि बिस्तर तैयार करते वक्त इसकी चादर बीएससी (नर्सिंग) पाठ्यक्रम की एक छात्रा ने खींची थी, जिससे यह हादसा हुआ। हम घटना के वक्त ड्यूटी पर तैनात नर्सिंग स्टाफ को कारण बताओ नोटिस जारी कर रहे हैं, ताकि इस छात्रा की पहचान हो सके। भटनागर ने कहा कि अस्पताल में मरीजों का बिस्तर तैयार करना नर्सिंग पाठ्यक्रम का हिस्सा होता है।
उन्होंने बताया कि एमवायएच में जिस नवजात की मौत हुई, उसका जन्म इसी अस्पताल में 15 दिसंबर को हुआ था। उसका परिवार मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले का रहने वाला है। घटना के वक्त बच्चा और उसकी मां अलग-अलग वॉर्ड में भर्ती थे, क्योंकि प्रसूता की तबीयत ठीक नहीं थी और उसका इलाज किया जा रहा था।
एमवायएच प्रशासन की ओर से नवजात के शव का पोस्टमॉर्टम कराये बगैर इसे उसके परिजन को सौंप देने के बारे में पूछे जाने पर भटनागर ने कहा, बच्चे के परिजन ने हमें लिखकर दिया था कि वे इस मामले में पुलिस में रिपोर्ट दर्ज नहीं कराना चाहते। इसके बाद हमने उन्हें बच्चे का शव सौंप दिया।
इस बीच, एमवायएच की पुलिस चौकी पर तैनात प्रधान आरक्षक शरद कुमार ने बताया, हमें नवजात की मौत के मामले की जानकारी अखबारों से मिली है। हमें इस मामले में एमवायएच प्रशासन की ओर से कोई भी लिखित या मौखिक सूचना नहीं मिली है। मामले में हमें नवजात के परिजन की ओर से भी कोई शिकायत नहीं मिली है। उन्होंने कहा, हमें पता चला है कि नवजात बच्चे के परिजन उसके शव को दफनाकर इसका अंतिम संस्कार कर चुके हैं। ऐसे में किसी उचित शिकायत या आदेश के बगैर हम मामले में कोई कदम नहीं उठा सकते।
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