असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने असम विधानसभा में जानकारी दी है कि गायक जुबिन गर्ग की मौत एक सुनियोजित हत्या का मामला है. सरमा ने यह जानकारी विधानसभा में जुबीन की मौत पर हुई चर्चा के दौरान दी. इस चर्चा के लिए विपक्ष ने आज एक कार्य स्थगन प्रस्ताव लेकर आया था. इसे मुख्यमंत्री के अनुरोध पर विधानसभा अध्यक्ष ने स्वीकार कर लिया था. गर्ग की इस साल 19 सितंबर को सिंगापुर में समुद्र में तैरते समय मौत हो गई थी. राज्य पुलिस का एक विशेष जांच दल (एसआईटी) उनकी मौत की परिस्थितियों की जांच कर रहा है.इसके साथ ही असम सरकार ने गर्ग की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत की जांच के लिए गुवाहाटी हाई कोर्ट के एक वर्तमान न्यायाधीश की अध्यक्षता में आयोग का गठन किया था.
मुख्यमंत्री ने विधानसभा में क्या जानकारी दी
सरमा राज्य के गृहमंत्री भी हैं. उन्होंन विधानसभा में कहा कि गायक जुबिन गर्ग की सिंगापुर में समुद्र में तैरते समय हुई मौत साफ तौर पर हत्या का मामला है. गर्ग की मौत की परिस्थितियों की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने मामले में हत्या की धाराएं भी जोड़ दी हैं. उन्होंने कहा,''प्रारंभिक जांच के बाद असम पुलिस को यकीन हो गया था कि यह गैर इरादतन हत्या का मामला नहीं है बल्कि यह स्पष्ट तौर पर हत्या है. इसीलिए, उनकी मौत के तीन दिन के भीतर ही मामले में बीएनएस की धारा 103 जोड़ दी गई.''
मुख्यमंत्री ने बताया कि पुलिस की सीआईडी के तहत गठित एसआईटी ने अब तक इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया है, 252 गवाहों से पूछताछ की है और 29 वस्तुएं जब्त की हैं. शर्मा ने दावा किया कि एक आरोपी ने गर्ग की हत्या की और अन्य ने उसकी मदद की. हत्या के मामले में चार-पांच लोगों पर मामला दर्ज किया गया है.
उन्होंने कहा कि दिसंबर में हत्या के मामले में आरोपपत्र दाखिल होने के बाद, जांच का दायरा बढ़ाकर लापरवाही, आपराधिक विश्वासघात और अन्य पहलुओं को भी शामिल किया जाएगा.उन्होंने दावा किया कि एसआईटी एक ठोस आरोपपत्र दाखिल करेगी और अपराध के पीछे का मकसद राज्य के लोगों को झकझोर देगा.
मुख्यमंत्री के अनुरोध पर हुई चर्चा
मंगलवार को विधानसभा की कार्यवाही उन लोगों को श्रद्धांजलि देने के साथ शुरू हुआ, जिनका हाल ही में निधन हुआ है. कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष के नेता देवव्रत सैकिया और निर्दलीय विधायक अखिल गोगोई इस मुद्दे पर अपने कार्य स्थगन प्रस्ताव को अनुमति देने का अनुरोध किया. अध्यक्ष विश्वजीत दैमारी उन्हें प्रस्ताव की स्वीकार्यता पर बोलने की अनुमति देने वाले थे, तभी मुख्यमंत्री ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि सरकार भी इस मामले से अवगत है. उन्होंने अध्यक्ष से कार्य स्थगन प्रस्ताव को स्वीकार करने का अनुरोध किया. शर्मा ने यह भी कहा कि सत्ता पक्ष का कोई भी सदस्य इस चर्चा में नहीं बोलेगा और सरकार की ओर से केवल जवाब दिया जाएगा. उन्होंने सदस्यों से अनुरोध किया कि वे ऐसी कोई टिप्पणी न करें जिससे गर्ग की मौत की जांच में बाधा उत्पन्न हो.
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जांच आयोग ने सबूत देने और बयान देने की अंतिम तिथि बढ़ाई
इससे पहले सोमवार को जुबिन गर्ग की मौत की जांच कर रहे एक सदस्यीय आयोग ने बयान दर्ज करने और साक्ष्य प्रस्तुत करने की तारीख 12 दिसंबर तक बढ़ा दी. न्यायमूर्ति सौमित्र सैकिया की अध्यक्षता में गठित आयोग ने तीन नवंबर से घटना के संबंध में बयान दर्ज करना और साक्ष्य प्राप्त करना शुरू कर दिया था. आयोग के सदस्य सचिव अरूप पाठक ने बताया कि पहले अंतिम तिथि 21 नवंबर थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 12 दिसंबर तक कर दिया गया है. उन्होंने बताया है कि 12 दिसंबर तक रविवार को छोड़कर सभी कार्य दिवसों पर पूर्वाह्न 10.30 बजे से शाम चार बजे तक इच्छुक व्यक्ति विधिवत नोटरीकृत हलफनामे के माध्यम से अपना बयान प्रस्तुत कर सकता है.
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