
- असम के CM हिमंता बिस्वा सरमा ने ज़ुबीन गर्ग के विसरा नमूने की रिपोर्ट दस अक्टूबर तक मिलने की घोषणा की है.
- विसरा रिपोर्ट से पता चलेगा कि ज़ुबीन की मौत में जहर का इस्तेमाल हुआ था या नहीं, जांच तेज कर दी गई है.
- सह-गायक शेखर ज्योति गोस्वामी ने हत्या की साजिश का दावा किया पर मुख्यमंत्री ने उनके आरोपों पर शंका जताई है.
दिवंगत गायक ज़ुबीन गर्ग की रहस्यमय मौत की जांच में एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया है. असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने शनिवार को घोषणा की कि ज़ुबीन के विसरा नमूने की रिपोर्ट केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (CFSL), नई दिल्ली से राज्य सरकार को 10 अक्टूबर को प्राप्त हो जाएगी. इस रिपोर्ट से यह स्पष्ट हो जाएगा कि उनकी हत्या में जहर का इस्तेमाल किया गया था या नहीं.
CM सरमा ने कहा कि उन्होंने न्यायिक आयोग की निगरानी में जांच तेज कर दी है, और विसरा रिपोर्ट मौत की गुत्थी सुलझाने में निर्णायक होगी.
सह-गायक के दावे पर CM ने जताई शंका
इस सप्ताह गिरफ्तार किए गए ज़ुबीन के सह-गायक शेखर ज्योति गोस्वामी ने कथित तौर पर दावा किया था कि श्याम कानू महंत और सिद्धार्थ शर्मा ने सिंगापुर में गायक की हत्या की योजना बनाई और उनके पेय में जहर मिला दिया था.
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ने गोस्वामी के दावे पर शंका जाहिर की. उन्होंने कहा, "शेखर ज्योति खुद इस मामले में एक आरोपी हैं, और हो सकता है कि वह दूसरों पर आरोप लगाकर खुद को बचाने की कोशिश कर रहे हों. वह कोई आम व्यक्ति नहीं, बल्कि एक आरोपी है, इसलिए हम उस पर आंख मूंदकर भरोसा नहीं कर सकते. जहर दिए जाने के पहलू की जांच चल रही है, और यह 11 अक्टूबर तक स्पष्ट हो जाएगा."
परिवार से मिले CM सरमा, व्यक्तिगत मुलाकात बताया
सरमा ने शनिवार शाम गुवाहाटी में ज़ुबीन के परिवार के सदस्यों से उनके आवास पर मुलाकात की. उन्होंने जोर देकर कहा कि वह वहां मुख्यमंत्री के तौर पर नहीं, बल्कि एक परिवार के सदस्य के रूप में गए थे. उन्होंने बताया, "ज़ुबीन मेरे छोटे भाई जैसे थे और उनकी पत्नी मेरी जूनियर थीं. मैं उनसे मिला, उनके पिता के पैर छुए और एक घंटे तक बातचीत की. यह मुलाकात पूरी तरह से व्यक्तिगत थी."
ज़ुबीन की मौत की जांच के लिए न्यायिक आयोग
असम सरकार ने गुवाहाटी उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश सौमित्र सैकिया की अध्यक्षता में एक स्वतंत्र न्यायिक आयोग का गठन किया है. यह आयोग अपराध जांच विभाग (CID) की जांच की निगरानी करेगा और साक्ष्यों की जांच करेगा. इसे किसी भी चूक या गड़बड़ी पर कड़ी फटकार लगाने का अधिकार होगा. यह आयोग ज़ुबीन गर्ग की मौत से संबंधित किसी भी व्यक्ति को बोलने या जानकारी साझा करने के लिए एक मंच भी प्रदान करेगा.
मुख्यमंत्री ने कहा, "राज्य के इतिहास में पहली बार किसी वर्तमान न्यायाधीश को इस तरह की जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है. सरकार को उम्मीद है कि जांच पूरी होने के बाद, सभी विवरण सार्वजनिक कर दिए जाएंगे."
विदेश में रह रहे आरोपियों पर दबाव बनाने की अपील
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार पुलिस या कानूनी व्यवस्था के जरिए विदेश में रह रहे कथित आरोपियों को मजबूर नहीं कर सकती, लेकिन उनके परिवार के सदस्य असम में रहते हैं. उन्होंने असम के लोगों से अपील की है कि वे उनके परिवार के सदस्यों पर दबाव बनाएं ताकि वे जांच में मदद कर सकें.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं