
भारतीय तटरक्षक बल (ICG) ने अपनी समुद्री सुरक्षा को और मजबूत करते हुए, पूरी तरह से स्वदेशी तेज गश्ती पोत 'आईसीजीएस अक्षर' को अपने बेड़े में शामिल कर लिया है. गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (GSL) द्वारा निर्मित, यह पोत अदम्य-श्रेणी के आठ पोतों की श्रृंखला में दूसरा है और इसे पुडुचेरी के कारैकल में एक भव्य समारोह में औपचारिक रूप से कमीशन किया गया.
यह पोत 51 मीटर लंबा, 8 मीटर चौड़ा है और इसका वजन लगभग 320 टन है. इसमें 3000 किलोवाट क्षमता वाले दो डीजल इंजन लगे हैं, जो इसे 27 नॉट (लगभग 50 किमी प्रति घंटा) की प्रभावशाली रफ्तार देते हैं. यह पोत बिना रुके 1500 नौटिकल मील की दूरी तय करने में सक्षम है, जिस पर 6 अधिकारी और 35 जवान तैनात रहेंगे. 'आईसीजीएस अक्षर' अत्याधुनिक तकनीक से लैस है, जिसमें बेहतर संचालन क्षमता के लिए स्वदेशी रूप से विकसित कंट्रोल करने योग्य पिच प्रोपेलर और गियर बॉक्स शामिल हैं.

साथ ही, यह 30 मिमी सीआरएन-91 तोप और दो 12.7 मिमी रिमोट-नियंत्रित गन से सुसज्जित है, जो आधुनिक फायर-कंट्रोल सिस्टम के साथ एकीकृत हैं. पोत में इंटीग्रेटेड ब्रिज सिस्टम, इंटीग्रेटेड प्लेटफॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम और ऑटोमेटेड पावर मैनेजमेंट सिस्टम जैसी उन्नत प्रणालियां भी लगी हैं, जो इसकी परिचालन दक्षता को बढ़ाती हैं. 60% से अधिक स्वदेशी उपकरणों के साथ निर्मित, 'आईसीजीएस अक्षर' भारत सरकार की 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' पहल का प्रमाण है. कारैकल में तैनात होने वाला यह पोत समुद्री निगरानी, कानून प्रवर्तन, खोज व बचाव अभियान (SAR) और तटीय सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. पोत का नाम 'अक्षर', जिसका अर्थ 'अविनाशी' है, भारतीय तटरक्षक बल की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
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