Gig Workers Strike News: क्रिसमस पर फटाफट डिलिवरी का मजा किरकिरा होने के बाद न्यू ईयर पर भी ऐसी ही परेशानियां आपको झेलने पड़ सकती हैं. खाना, रसोई का सामान से लेकर दवाएं तक घर मंगवाने वाले शहरों के बाशिंदों को असुविधा झेलनी पड़ सकती है, क्योंकि आपके घरों तक ये सामान 7 से 10 मिनट में गारंटी के साथ डिलिवरी करने वाले गिग वर्कर्स हड़ताल पर रहेंगे.इससे न्यू ईयर का जश्न फीका पड़ सकता है. आइए जानते हैं कि इन डिलिवरी एजेंट की क्या 10 बड़ी मांगे हैं...
स्विगी, जोमैटो, जेप्टो, ब्लिंकिट जैसी देश की बड़े फूड डिलिवरी ऐप्स के गिग वर्कर्स ने 25 दिसंबर को देश भर में हड़ताल की थी. वो मेहनताने की उचित दरों के साथ पारदर्शिता की मांग कर रहे हैं. उनकी मांग है कि 10 मिनट में डिलिवरी मॉडल को तुरंत खत्म किया जाए.
इस हड़ताल में बड़ी ई कॉमर्स कंपनियां उनके फूड डिलिवरी, होम सर्विस प्लेटफॉर्म शामिल हैं, जिसमें स्विगी, जेप्टो, जोमैटो, ब्लिंकिट, फ्लिपकार्ट, अमेजन (Swiggy, Zomato, Zepto, Blinkit, Amazon, Flipkart) जैसी एग्रीग्रेटर कंपनियों के डिलिवरी ब्वॉय शामिल हैं, जो 25 दिसंबर के बाद 31 दिसंबर को हड़ताल पर रहेंगे.
गिग वर्कर्स की ये 10 बड़ी मांगें...
- कामकाज की दयनीय हालत में सुधार हो, मजदूरों से भी कम कमाई, सुरक्षा और पीएफ-पेंशन जैसी सामाजिक सुरक्षा दी जाए
- 10 मिनट का डिलिवरी मॉडल तुरंत वापस लिया जाना चाहिए
- बिना उचित प्रक्रिया के आईडी ब्लॉक करने और जुर्माना लगाने की मनमानी कार्यवाही बंद हो
- डिलिवरी एजेंटों को हेलमेट और अन्य तरह के सुरक्षा उपकरण भी मुहैया कराए जाएं
- एल्गो आधारित भेदभाव को दरकिनार कर उचित तरीके से काम का बंटवारा किया जाए
- ई कॉमर्स प्लेटफॉर्म और कस्टमर भी उनसे इंसानों की तरह पेश आएं, इसका ख्याल रखा जाए
- काम के दौरान अनिवार्य तौर पर ब्रेक दिया जाए और कामकाज के घंटे निर्धारित हों
- डिलिवरी ऐप के साथ बेहतर टेक्निकल सपोर्ट मिले, ताकि एजेंटों की पेमेंट फेल होने जैसीशिकायतों का निवारण हो
- हेल्थ इंश्योरेंस, दुर्घटना बीमा, पेंशन, फंड सुनिश्चित किया जाए ताकि वो और उनका परिवार सुरक्षित रहे
- केंद्र और राज्य सरकारें दखल दें और ऐसे प्लेटफॉर्म पर बेहतर कंट्रोल और रेगुलेशन हो
सर्दी, कोहरा की परवाह किए बिना
डिलिवरी ब्वॉय का कहना है कि भयंकर सर्दी, कोहरा, दिन रात की परवाह किए बिना वो घरों तक जरूरी सामान पहुंचाते हैं. फेस्टिवल के दौरान डिलिवरी वर्कर्स लगातार काम करते हैं, लेकिन उनकी कमाई नहीं बढ़ी है. लेकिन उन्हें बेवजह निशाना बनाया जाता है. उनकी आईडी ब्लॉक कर दी जाती है. कई बार गलत शिकायतों पर भी उनके खिलाफ कार्रवाई कर दी जाती है. उनकी कोई जॉब सिक्योरिटी नहीं है, कभी भी किसी भी वजह से निकाल दिया जाता है. उनका भविष्य हर वक्त खतरे में रहता है.
तेलंगाना गिग एंड प्लेटफॉर्म वर्कर्स यूनियन (TGPWU) और इंडियन फेडरेशन ऑफ ऐप बेस्ड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स (IFAT) का कहना है कि हमारे कामगारों के पास बुनियादी जरूरतों का भी अभाव है.
TGPWU के अध्यक्ष सईक सलाउद्दीन का कहना है कि डिलिवरी वर्कर्स को लगातार असुरक्षित माहौल में धकेला जा रहा है और उनके पास किसी भी तरह की कोई सामाजिक सुरक्षा नहीं है. कामगारों की कीमत पर इन प्लेटफॉर्म कंपनियों की मुनाफाखोरी पर सरकारें मूकदर्शक बनकर नहीं बैठ सकती हैं.
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