सत्येंद्र जैन (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
राजधानी दिल्ली में जहां एक ओर डेंगू और चिकनगुनिया का प्रकोप जारी है, वहीं, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन विवादित बयान देकर सुर्खियों में हैं. गुरुवार को मीडिया से बातचीत करते हुए जैन ने कहा कि चिकनगुनिया से किसी की मौत नहीं होती है. उन्होंने कहा कि ये मेरी राय नहीं है, बल्कि गूगल पर भी इस बाबत जानकारी मौजूद है. उन्होंने कहा कि सावधानी बरतें और अगर चिकनगुनिया के लक्षण दिखें तो अस्पताल जाएं.
हालांकि, इससे पहले मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी जैन ने कहा था कि चिकनगुनिया महामारी नहीं है और इससे किसी की मौत नहीं होती. वहीं, दिल्ली में अब तक चिकनगुनिया से 11 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें से एक मौत देर रात एम्स में हुई. वहीं राजधानी में डेंगू से अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें से पांच मौत केवल एम्स में हुई.
जैन ने कहा, "लोगों को चिकनगुनिया को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है. राज्य सरकार किसी भी कीमत पर लोगों की मदद के लिए तैयार है लेकिन अस्पताल में तभी भर्ती हो जब डॉक्टर इसकी सलाह दे. किसी डर की वजह से ऐसा न करें"
हाल में ही चिकनगुनिया से हुई 5 में से 4 मौतों के संबंध में जैन ने संदेह जताया. उन्होंने कहा कि ये मौतें एक ही अस्पताल में हुई है जिससे मामला संदेहजनक प्रतीत होता है. जैन ने कहा, "चिकनगुनिया से दुनिया में कोई नहीं मरता है. दिल्ली के कुछ चुनिंदा अस्पतालों में ही ऐसे मामले क्यों सामने आए हैं? जांच के बाद मैंने पाया है कि मरने वाले ज्यादातर लोग उम्रदराज थे और दूसरी बीमारियों से पीड़ित थे."
पश्चिम बंगाल, ओडिश और कर्नाटक में डेंगू के मामले
उधर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा है कि केंद्र किसी भी संकट से निपटने के लिए तैयार है. कहीं से भी दवाइयों या डॉक्टरों की कमी की कोई खबर नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय लगातार देशभर में चिकनगुनिया और बुखार के मामलों की समीक्षा की है और पाया है कि दिल्ली में चिकनगुनिया के मामले बढ़ रहे हैं जबकि पश्चिम बंगाल, ओडिशा और कर्नाटक में डेंगू के मामले सामने आए हैं. पश्चिम बंगाल में कुछ लोगों में मलेरिया भी पाया गया है. जेपी नड्डा ने कहा कि मच्छरों के कारण फैल रही इन बीमारियों को लेकर उन्होंने राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों और संबंधित अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बात की है और हालात की जानकारी ली है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
हालांकि, इससे पहले मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी जैन ने कहा था कि चिकनगुनिया महामारी नहीं है और इससे किसी की मौत नहीं होती. वहीं, दिल्ली में अब तक चिकनगुनिया से 11 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें से एक मौत देर रात एम्स में हुई. वहीं राजधानी में डेंगू से अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें से पांच मौत केवल एम्स में हुई.
जैन ने कहा, "लोगों को चिकनगुनिया को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है. राज्य सरकार किसी भी कीमत पर लोगों की मदद के लिए तैयार है लेकिन अस्पताल में तभी भर्ती हो जब डॉक्टर इसकी सलाह दे. किसी डर की वजह से ऐसा न करें"
हाल में ही चिकनगुनिया से हुई 5 में से 4 मौतों के संबंध में जैन ने संदेह जताया. उन्होंने कहा कि ये मौतें एक ही अस्पताल में हुई है जिससे मामला संदेहजनक प्रतीत होता है. जैन ने कहा, "चिकनगुनिया से दुनिया में कोई नहीं मरता है. दिल्ली के कुछ चुनिंदा अस्पतालों में ही ऐसे मामले क्यों सामने आए हैं? जांच के बाद मैंने पाया है कि मरने वाले ज्यादातर लोग उम्रदराज थे और दूसरी बीमारियों से पीड़ित थे."
पश्चिम बंगाल, ओडिश और कर्नाटक में डेंगू के मामले
उधर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा है कि केंद्र किसी भी संकट से निपटने के लिए तैयार है. कहीं से भी दवाइयों या डॉक्टरों की कमी की कोई खबर नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय लगातार देशभर में चिकनगुनिया और बुखार के मामलों की समीक्षा की है और पाया है कि दिल्ली में चिकनगुनिया के मामले बढ़ रहे हैं जबकि पश्चिम बंगाल, ओडिशा और कर्नाटक में डेंगू के मामले सामने आए हैं. पश्चिम बंगाल में कुछ लोगों में मलेरिया भी पाया गया है. जेपी नड्डा ने कहा कि मच्छरों के कारण फैल रही इन बीमारियों को लेकर उन्होंने राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों और संबंधित अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बात की है और हालात की जानकारी ली है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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