विज्ञापन
This Article is From Mar 19, 2017

आज होगी योगी आदित्यनाथ की पहली प्रेस कॉफ्रेंस, 'किसान कर्ज माफी' पर सबकी निगाहें

आज होगी योगी आदित्यनाथ की पहली प्रेस कॉफ्रेंस, 'किसान कर्ज माफी' पर सबकी निगाहें
पीएम नरेंद्र मोदी ने वादा किया था कि पहली बैठक में ही किसानों का कर्ज माफ करने का फैसला किया जाएगा.
लखनऊ: योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के नए मुख्यमंत्री की शपथ ली. वे प्रदेश के 21वें मुख्यमंत्री हैं. बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली. लखनऊ के मेयर डॉ. दिनेश शर्मा ने डिप्टी सीएम की शपथ ली. प्रदेश में पहली बार दो उपमुख्यमंत्री बनाए गए हैं. सूत्रों के मुताबिक, शपथ ग्रहण समरोह के बाद योगी आदित्यनाथ की पहली कैबिनेट बैठक होने वाली है. शाम पांच बजे योगी प्रेस कांफ्रेंस होने वाली हैं. ऐसे में सबकी निगाहें इस कॉफ्रेंस पर टिकी हुई हैं. सबकी निगाह इस बात पर भी टिकी हुई है कि क्या योगी पीएम मोदी के वादे को पूरा करेंगे? पीएम मोदी ने वादा किया था कि पहली बैठक में ही किसानों का कर्ज माफ करने का फैसला किया जाएगा.

डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने शपथ लेने के बाद प्रतिक्रिया देते हुए किसान कर्ज माफी के सवाल पर कहा कि कैबिनेट बैठक में चर्चा की जाएगी.

प्रधानमंत्री ने किया था वादा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 मार्च को जौनपुर रैली के दौरान कहा था कि होली के बाद नई सरकार बनेगी और सकरार बनने के बाद उसकी पहली मीटिंग होगी और उसमें मैं यूपी के सांसद के नाते आप लोगों को विश्‍वास दिलाता हूं कि किसानों के कर्ज को माफ करने का निर्णय ले लिया जाएगा. इसी बीच बीते शुक्रवार को खबर आई थी कि प्रधानमंत्री मोदी के वादे को पूरा करने की कवायद शुरू हो गई है. केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि उत्तर प्रदेश में नई भाजपा सरकार राज्य के किसानों का कर्ज माफ करेगी और कर्ज माफी का बोझ केंद्र सरकार उठाएगी. उन्होंने कहा, "उत्तर प्रदेश के लिए हमने कहा था कि अगर हम राज्य में सरकार बनाते हैं तो हम किसानों का कर्ज माफ करेंगे. यह लागत केंद्र सरकार के खजाने से वहन की जाएगी."  सूत्रों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में वादे के मुताबिक कर्ज माफी की प्रक्रिया शुरू हो गई है.  

बैंक कर्ज माफी के खिलाफ
हालांकि बैंक कर्ज माफी के खिलाफ हैं. बीते बुधवार को ही एसबीआई प्रमुख अरंधति भट्टाचार्य ने कहा था, "हमें लगता है कि कृषि कर्ज माफी के मामले में बैंक और कर्जदाता के बीच अनुशासन बिगड़ता है क्योंकि जिन लोगों का कर्ज माफ किया जाता है वे भविष्य में भी कर्ज माफ होने की उम्मीद रखते हैं. भविष्य में भी ऐसे कर्ज नहीं चुकाए जाते." 
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com