
स्कूलों के आसपास सिगरेट या तंबाकू का सेवन, स्कूली बच्चों के लिए खतरनाक होता जा रहा है. माना जा रहा है कि इससे बच्चों में तंबाकू की लत लगती जा रही है. ऐसे में केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को निर्देशों दिया है कि स्कूलों के आसपास के इलाके को तंबाकू मुक्त घोषित करने पर सख्ती से अमल करे. हालिया में आए एक सर्वे में बताया गया है कि हर रोज 5500 हजार बच्चे तंबाकू या उससे जुड़ी चीजों की शुरुआत कर रहे हैं.
शिक्षा मंत्रालय ने राज्यों को दिया निर्देश
स्कूलों के नजदीक तंबाकू, शराब और ड्रग्स से नवजवानों को दूर रखने के लिए उठाए सख़्त कदम.
दिशा-निर्देशों में नीचे बताई गईं नौ गतिविधियों की लिस्ट दी गई है जो स्कूलों और कॉलेजों को अपने परिसरों को तंबाकू-मुक्त रखने के लिए करनी चाहिए:
- परिसर के अंदर 'तंबाकू मुक्त क्षेत्र' के संकेत प्रदर्शित करना
- प्रवेश/सीमा पर 'तंबाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान' के संकेत प्रदर्शित करना
- परिसर में तंबाकू के उपयोग का कोई प्रमाण नहीं होना
- तंबाकू के नुकसान के बारे में जागरूकता सामग्री प्रदर्शित करना
- हर छह महीने में कम से कम एक तंबाकू नियंत्रण गतिविधि आयोजित करना
- तंबाकू मॉनिटर की नियुक्ति
- स्कूल आचार संहिता में तंबाकू-मुक्त नीति को शामिल करना
- शैक्षणिक संस्थानों के चारों ओर 100 गज की दूरी पर एक पीली रेखा खींचकर तंबाकू-मुक्त क्षेत्र को चिह्नित करना
- यह सुनिश्चित करना कि उस 100-गज के क्षेत्र में कोई दुकान या विक्रेता तंबाकू उत्पाद नहीं बेचता है.
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