भारतीय मौसम विभाग (Indian Met Dept) ने साइक्लोन यास (Cyclone YAAS) को लेकर ये बुलेटिन जारी किया है.
आईएमडी ने कहा है कि पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना विक्षोभ अब पश्चिम-उत्तरपश्चिम की ओर धीमी रफ्तार से बढ़ रहा है. लेकिन अगले दो दिनों में ये प्रचंड चक्रवातीय तूफान (Severe Cyclonic Storm) में बदल सकता है. इससे पहले साइक्लोन ताउते (Cyclone Tauktae) ने महाराष्ट्र, गुजरात और कर्नाटक-केरल में अपना असर दिखाया था.शाम को यह पोर्टब्लेयर से 590 किलोमीटर दूर उत्तर-उत्तर पश्चिम में, ओडिशा (Odisha) के पारादीप से 570 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपूर्व में और बालासोर तट से 670 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपूर्व में है.
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यह बंगाल (West Bengal) के दीघा से 650 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपूर्व में है.24 मई की सुबह तक यह धीमी गति से आगे बढ़ते हुए चक्रवातीय तूफान का रूप लेने की पूरी संभावना है. उसके अगले 24 घंटे में यह प्रचंड चक्रवातीय तूफान में बदल सकता है. अति गंभीर साइक्लोन में बदल कर यह उत्तर ओडिशा और पश्चिम बंगाल में बंगाल की खाड़ी में 26 मई को पहुंचकर अपने सबसे तीव्र रूप में होगा.
वायुसेना ने 950 एनडीआरएफ कर्मियों को आपदा से निपटने के लिए जरूरी स्थानों पर पहुंचाया है. एयरफोर्स ने 26 हेलीकॉप्टरों को स्टैंडबाई मोड में तैयार रखा है. उसके 11 परिवहन विमान भी राहत एवं बचाव कार्य के लिए तैयार हैं. वायुसेना ने रविवार को 21 टन राहत सामग्री और को हवाई मार्ग से कोलकाता और पोर्ट ब्लेयर तक पहुंचाया. पटना, वाराणसी और अराक्कोनम से सी ग्लोबमास्टर विमानों के जरिये निश्चित इलाकों तक पहुंचाया गया.
वायुसेना ने अभियानों के लिए तीन सी-130, चार एएन-32 विमानों और दो डोर्नियर विमानों सहित 11 परिवहन विमानों को तैयार रखा है. इसके अलावा 11 एमआई-17 वी5, 2 चेतक, 3 चीता और 7 एमआई-17 हेलीकॉप्टर समेत लगभग 26 हेलिकॉप्टर भी किसी भी स्थिति के लिए तैयार हैं.भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कहा है कि चक्रवात यास के 26 मई की शाम तक पश्चिम बंगाल और उत्तरी ओडिशा के तटों को पार करने की उम्मीद है, जिस दौरान हवा की गति 155-165 किमी प्रति घंटे रह सकती है. इससे पश्चिम बंगाल और उत्तरी ओडिशा के तटीय जिलों में बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है.
नौसेना ने साइक्लोन की तैयारियों के मद्देनजर चार युद्धपोतों और कई विमानों को स्टैंडबाई रखा है. साइक्लोन ताउते के बाद नौसेना ने बड़े पैमाने पर राहत और बचाव अभियान चलाया था.नौसेना ने कहा कि आठ बाढ़ राहत दल और चार गोताखोर दल मौजूदा संसाधनों को बढ़ाने के लिए ओडिशा और पश्चिम बंगाल में तैनात हैं.
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